धेमाजी (असम), असम के लखीमपुर से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रदान बरुआ ने एक ‘‘मूक सांसद’’ होने की उपाधि पर जवाब देते हुए दावा किया कि उनका निर्वाचन क्षेत्र विकास के तीव्र पथ पर है और ‘‘अगर संसद में न बोलने से ही इतना कुछ हो रहा है तो चुप रहना ही बेहतर है।’’
बरुआ ने दावा किया कि ‘‘तुरुप के पत्ते’’ (सदन में बोलने) का इस्तेमाल किए बगैर ही उन्होंने सुनिश्चित किया है कि अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगते ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर कनेक्टिविटी और बाढ़ नियंत्रण जैसे अहम मुद्दे हल किए जाएं।
बरुआ ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में यहां कहा, ‘‘यह बेहतर है कि अगर कुछ बोले बिना ही काम हो रहा है। मुझे अपना तुरुप का पत्ता बचाकर रखना चाहिए। बिना कुछ कहे ही हमें सब कुछ मिल रहा है। इससे बेहतर क्या हो सकता है?’’
गैर लाभकारी संगठन ‘पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च’ द्वारा इस साल फरवरी में साझा किए आंकड़े के अनुसार, बरुआ निवर्तमान लोकसभा के उन नौ सांसदों में से एक हैं जिन्होंने सदन के पूरे कार्यकाल के दौरान किसी बहस या चर्चा में हिस्सा नहीं लिया।
बरुआ ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि चूंकि वह एक राष्ट्रीय पार्टी के सदस्य हैं तो विषयों के अनुसार वक्ता तय होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी सरकार राष्ट्रीय भावना से काम कर रही है। अलग-अलग मंच हैं जहां मैं अपने मुद्दे साझा कर सकता हूं, ऐसा नहीं है कि मैं मुद्दे नहीं उठाता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी दिन जरूरत होगी और पार्टी नेतृत्व मुझसे ऐसा कहेगा तो मैं निश्चित तौर पर बोलूंगा। लेकिन अगर न बोलने पर ही इतना कुछ हो रहा है तो न बोलना ही बेहतर है।’’
लखीमपुर की महत्वपूर्ण समस्याओं में से एक हर साल आने वाली बाढ़ है। बरुआ ने दावा किया कि इसे नियंत्रित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘80 फीसदी बाढ़ नियंत्रण कार्य किया गया है, केवल 20 प्रतिशत ही बचा है। इसकी कई वजहें हैं, जिसमें से एक यह है कि लोग तटबंध बनाने के लिए अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं। हम उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर वे कुछ जमीन देते हैं तो उन्हें ज्यादा फायदा होगा।’’
भाजपा सांसद ने कहा कि इस निर्वाचन क्षेत्र का एक और प्रमुख मुद्दा कनेक्टिविटी है, खासतौर से रेल संचार और काफी काम किया गया है तथा और काम किया जाना है।
उन्होंने बताया कि रेल कनेक्टिविटी से जुड़े मुद्दे रेलवे बोर्ड के समक्ष उठाए गए हैं और अगले साल तक अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगते पासीघाट में स्टेशन का निर्माण पूरा होने के बाद लखीमपुर को प्रमुख शहरों से जोड़ने वाली ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।
भाजपा में आने से पहले धेमाजी से कांग्रेस विधायक रहे बरुआ ने कहा कि यह लोकसभा चुनाव ‘‘विकास के लिए, मोदी के लिए’’ होगा। उन्होंने दावा किया कि लोगों ने विपक्षी दलों को नकार दिया है क्योंकि इन पार्टियों को कोई जनाधार या नेता नहीं है।
कांग्रेस ने इस सीट पर उनके खिलाफ उदय शंकर हजारिका को उतारा है।
लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से कुल नौ उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान होगा।