पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ी, मंगलवार को कांग्रेस में होंगे शामिल
Focus News 8 April 2024चंडीगढ़, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ दी है और वह कांग्रेस में शामिल होंगे।
इससे करीब एक महीने पहले उनके बेटे बृजेन्द्र सिंह भाजपा छोड़कर विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
बीरेंद्र सिंह की पत्नी और हरियाणा से भाजपा की पूर्व विधायक प्रेमलता ने भी भाजपा छोड़ दी है। प्रेमलता 2014-2019 तक विधायक रही थीं।
दिल्ली में बीरेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और त्यागपत्र पार्टी प्रमुख जे पी नड्डा को भेज दिया है। मेरी पत्नी प्रेमलता ने भी पार्टी छोड़ दी है। कल (मंगलवार को) हम कांग्रेस में शामिल होंगे।’’
भाजपा छोड़ने के बाद बीरेंद्र सिंह ने दिल्ली में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मुलाकात की।
बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के साथ चार दशक से अधिक समय पुराने रिश्ते को तोड़कर लगभग 10 साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे।
उनके बेटे बृजेन्द्र के 10 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने के बाद ऐसी अटकलें थी कि बीरेंद्र सिंह भी कांग्रेस में शामिल होंगे।
बीरेंद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। उन्होंने ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री का भी कार्यभार संभाला था।
निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान, बीरेंद्र सिंह ने किसानों को अपना समर्थन दिया था।
हरियाणा में हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में भी मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह ‘‘किसानों के मसीहा’’ कहे जाने वाले सर छोटूराम के पौत्र हैं।
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने भाजपा क्यों छोड़ी, बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह 42 साल तक कांग्रेस के साथ रहे लेकिन 2014 में “कुछ कारणों” से भाजपा में शामिल हो गए।
उन्होंने कहा, “जब मैं भाजपा में शामिल हुआ, तो मुझे पता था कि इस पार्टी की विचारधारा अलग होगी और दोनों दलों की विचारधाराओं के बीच कुछ मतभेद होंगे। बाद में, मुझे अनुभव हुआ कि एक बड़ा अंतर था।”
सिंह ने कहा, ”अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, मैं ऐसे लोगों से जुड़ा जो समर्पित समर्थक रहे।” उन्होंने संकेत दिया कि भाजपा ने इसे उस तरह से मान्यता नहीं दी, जिस तरह से दी जानी चाहिए थी।
किसानों के आंदोलन पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने पार्टी मंच पर इस मुद्दे को उठाया था और आग्रह किया था कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाए।
उन्होंने कहा, “मुझे लगा कि जब मैं सुझाव दे रहा था, तो उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था।”
सिंह ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ”मैंने कहा है कि मैं भले ही चुनावी राजनीति में नहीं रहूं लेकिन जब तक संभव होगा मैं राजनीतिक रूप से सक्रिय रहूंगा।”
उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी लगता है कि भाजपा को कई महीने पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ संबंध तोड़ने के उनके सुझाव पर ध्यान देना चाहिए था और इस निर्णय में देरी नहीं की जानी चाहिए थी।
सिंह ने कहा, “मैंने कहा था कि अगर भाजपा ने जजपा के साथ गठबंधन जारी रखा तो बीरेंद्र सिंह भाजपा के साथ नहीं रहेगा।”
उनकी पत्नी प्रेमलता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उनके पति की छवि साफ-सुथरी रही है और उन्हें बहुत प्यार एवं सम्मान मिला है।
उन्होंने कहा कि जब बीरेंद्र सिंह भाजपा में शामिल हुए, तो यह विचार था कि वह जीवन भर पार्टी में रहेंगे।
प्रेमलता ने कहा कि हालांकि, किसान आंदोलन जैसे कुछ घटनाक्रम हुए जिसके दौरान बीरेंद्र सिंह किसानों के पक्ष में खड़े हुए।
उन्होंने कहा कि उनके पति को लगता है कि किसानों के मुद्दों का आज भी पूरी तरह समाधान नहीं हुआ है।