नयी दिल्ली, निर्वाचन आयोग ने महिलाओं की गरिमा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के लिए सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के नेता दिलीप घोष और कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को फटकार लगाई है।
घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और श्रीनेत ने अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
आयोग ने कहा कि दोनों नेताओं ने निम्न स्तर का व्यक्तिगत हमला किया और यह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन है।
उन्हें आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है।
सोमवार से आयोग द्वारा इन दोनों नेताओं के चुनाव संबंधी संवाद पर विशेष और अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी।
आयोग के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र में संवाद करते समय सावधानी बरतने और ऐसी किसी भी अपमानजनक टिप्पणी और आचार संहिता के दिशानिर्देशों के उल्लंघन से बचने के लिए अपने पदाधिकारियों को संवेदनशील बनाने के वास्ते चेतावनी नोटिस की एक प्रति उनके संबंधित पार्टी प्रमुखों को भी भेजी जा रही है।
भाजपा और कांग्रेस के अध्यक्षों से आयोग ने कहा, ‘‘आप कृपया चुनाव अभियान में शामिल सभी पार्टी पदाधिकारियों और सार्वजनिक क्षेत्र में बातचीत के लिए विशिष्ट सलाह जारी करें कि वे इस तरह का उल्लंघन न करें, आदर्श आचार संहिता का अक्षरश: पालन करें ताकि प्रतिक्रिया में इस तरह की टिप्पणियां नहीं हों।’’
श्रीनेत के ‘इंस्टाग्राम’ अकाउंट से सोशल मीडिया मंच पर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ एक विवादास्पद टिप्पणी पोस्ट की गई थी। कंगना को भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।
विवाद के बाद श्रीनेत ने अपने सभी सोशल अकाउंट्स से विवादास्पद टिप्पणियों को हटा दिया। उनका कहना था कि उनके अकाउंट तक कई लोगों की पहुंच है और यह टिप्पणी उनके द्वारा नहीं की गई।
घोष एक वीडियो में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि का मजाक बनाते हुए नजर आए थे। बाद में उन्होंने अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफी मांग ली।
भाजपा ने श्रीनेत के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था, वहीं टीएमसी ने घोष के खिलाफ चुनाव आयोग से संपर्क किया था।
निर्वाचन आयोग ने घोष और श्रीनेत दोनों से कहा कि महिलाओं को अतीत और वर्तमान में भारतीय समाज में सर्वोच्च सम्मान प्राप्त है और भारतीय संविधान तथा देश की सभी संस्थाओं ने सभी मोर्चों पर महिलाओं के अधिकारों एवं सम्मान को सुनिश्चित करने के विचारों को लगातार आगे बढ़ाया है।
आयोग ने यह भी कहा कि वह चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं के प्रतिनिधित्व और भागीदारी को मजबूत करने में लगा हुआ है।