विपक्षी दलों में नेतृत्व, वैचारिक संकट के कारण भाजपा में शामिल हो रहे उनके नेता : मार्य
Focus News 3 April 2024नयी दिल्ली, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि विपक्षी नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि उनके दलों का नेतृत्व ‘‘गिरगिट की तरह रंग बदल रहा’’ है और उसे मूल विचारधारा की कोई परवाह नहीं है।
मौर्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में कहा कि भाजपा अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं करती और पार्टी में शामिल होने वाले लोग यह बात जानते हैं तथा उन्हें भी ‘‘हमारी विचारधारा’’ का सख्ती से पालन करना होगा।
भाजपा नेता ने विपक्षी दलों के इन आरोपों को ‘‘सच्चाई से कोसों दूर’’ बताते हुए खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उनके नेताओं को डराने एवं धमकाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे लोग भाजपा में शामिल होने के बाद उसकी ‘‘वॉशिंग मशीन’’ से बेदाग निकल रहे हैं।
मौर्य ने कहा कि ‘‘घमंडिया गठबंधन’’ बनाने वाले विपक्षी दलों के नेता लोकसभा चुनाव में होने वाली अपनी हार के बाद बचाव के लिए ‘‘पटकथा’’ तैयार करने की अपनी रणनीति के तहत केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) का जिक्र करते हुए यह बात कही। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित कुछ विपक्षी दलों ने चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए यह गठबंधन किया है।
मौर्य ने कहा, ‘‘इस तरह की बातों में कोई सच्चाई नहीं है। मोदी सरकार में जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं। विपक्ष ऐसे आरोप लगाता रहता है क्योंकि उसके पास सरकार के खिलाफ उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि उनमें से कई भ्रष्टाचार जैसे आरोपों का सामना कर रहे हैं और वे जानते हैं कि वे अंततः सलाखों के पीछे जाएंगे।
मौर्य ने कहा कि चुनाव के दौरान नेता पाला बदल लेते हैं और लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के कई नेता भाजपा में भी आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि इनमें से कुछ लोगों की छवि अच्छी नहीं थी, फिर भी उन्हें भाजपा में शामिल किया गया लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा में शामिल होने के बाद वे अपने ऊपर लगे आरोपों से मुक्त हो गए हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या अन्य दलों के नेताओं के भाजपा में शामिल होने से पार्टी का माहौल खराब हो सकता है क्योंकि पार्टी की विचारधारा उनकी विचारधारा से नहीं मिलती, मौर्य ने कहा, ‘‘भाजपा ने अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया और न ही करेगी। जो लोग दूसरे दलों से आए हैं उन्हें हमारी विचारधारा का पालन करना होगा। जो लोग हमारी विचारधारा को मानने की स्थिति में नहीं हैं, वे (पार्टी में) नहीं आएंगे।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी विचारधारा पर कायम रही है, लेकिन विपक्षी दलों के नेतृत्व ने ‘‘गिरगिट की तरह रंग बदल लिए हैं’’, फिर चाहे वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी हों, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव हों, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी हों या ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य नेता हों।
मौर्य ने कहा, ‘‘जब तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सत्ता में नहीं आए थे, उन्हें (विपक्षी नेताओं को) मंदिरों में जाते नहीं देखा गया। उन्हें आज मंदिरों में जाना पड़ रहा है। यह हमारी विचारधारा की जीत है और उनकी विचारधारा की हार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी संख्या में उन दलों के नेता भाजपा में शामिल हुए हैं, जो हमारी विचारधारा के खिलाफ हैं।’’
मौर्य ने कहा कि उनमें से जिन नेताओं में लोकसभा चुनाव जीतने की क्षमता है, उन्हें भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने टिकट दिया है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक समीकरणों के लिहाज से आज भाजपा के पास ‘‘सबसे शानदार गुलदस्ता’’ है।
मौर्य ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा अपने दम पर 370 लोकसभा सीट जीतेगी, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्य 400 से अधिक सीट जीतने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगे।