नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की याचिका पर सोमवार को दिल्ली के प्रधान सचिव (वित्त) को नोटिस जारी किया। ‘आप’ सरकार ने आरोप लगाया कि अधिकारी दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के लिए आवंटित राशि जारी नहीं कर रहे हैं।
प्रधान न्यायधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा यह तर्क दिए जाने के बाद उप राज्यपाल (एलजी) को नोटिस जारी नहीं किया कि धन आवंटन में एलजी की भूमिका नहीं है और यह जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के वित्त विभाग की है।
पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच अप्रैल की तारीख तय की है।
इससे पहले 20 मार्च को अरविंद केजरीवाल सरकार ने नौकरशाही और दिल्ली की आप सरकार के बीच तनातनी के बीच शीर्ष अदालत का रुख किया था।
प्रधान न्यायाधीश ने आप सरकार को भरोसा दिया कि शीर्ष अदालत दिल्ली जल बोर्ड के लिए आवंटित तीन हजार करोड़ रुपये की राशि 31 मार्च (वित्तवर्ष का आखिरी दिन) की तारीख बीतने के बाद भी जारी करने का आदेश दे सकती है।
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने तर्क दिया कि बजट विधिवत पारित किया गया था, फिर भी डीजेबी के लिए निर्धारित धनराशि जारी नहीं की जा रही है और इसके परिणामस्वरूप इस आवंटित राशि की समयावधि वित्तवर्ष समाप्त होने के बाद बीत जाएगी।