उप्र के श्रावस्ती में औद्योगिक विकास के लिए काम करेंगे: भाजपा उम्मीदवार साकेत मिश्रा
Focus News 14 April 2024लखनऊ, उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार साकेत मिश्रा ने कहा है कि उनका लक्ष्य क्षेत्र में औद्योगिक विकास सुनिश्चित करना है।
पूर्व पुलिस अधिकारी और बैंकर मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वह क्षेत्र में नए उद्योग स्थापित करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के संपर्क में हैं।
मिश्रा का कहना हैं, ”इस बौद्ध तीर्थस्थल क्षेत्र में युवाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक विकास अनिवार्य है। इसलिये मैं नए उद्योग एवं निवेश के लिए निजी क्षेत्र के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से संपर्क में हूं । मुझे आशा है कि इस संकल्प को पूरा करने के लिए उनके दो दशक के वित्त और बैंकिंग क्षेत्र के दीर्घकालिक संबंधों का भरपूर उपयोग होगा।”
साकेत मिश्रा राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं । नृपेंद्र मिश्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव भी रहे हैं । भाजपा ने करीब नौ माह पहले साकेत मिश्रा को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मनोनीत किया था।
सत्तारूढ़ दल ने 2022 के विधानसभा चुनाव में दो पुलिस अधिकारियों– असीम अरुण और राजेश्वर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था और दोनों कामयाब होकर विधानसभा पहुंचे थे । इस बार लोकसभा चुनाव के लिये श्रावस्ती संसदीय सीट से पार्टी ने पूर्व पुलिस अधिकारी और बैंकर साकेत मिश्रा को मैदान में उतारा है।
साकेत मिश्रा ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए किया है और उन्होंने फिर भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) कलकत्ता से पढ़ाई की । उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय बैंक में नौकरी मिली पर लोकसेवा परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी। वह 1994 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी बन गए । वह और असीम अरुण (पूर्व आईपीएस और वर्तमान में उप्र की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री) एक ही बैच के है।
मिश्रा ने विश्व स्तर पर बड़े बैंकों के साथ काम किया लेकिन समाज सेवा करने की इच्छा के चलते वह भारत लौट आए।
मिश्रा ने कहा, ”श्रावस्ती मेरा ननिहाल है और यहां से बचपन से मेरा नाता रहा है। जब मैंने समाज सेवा का मन बनाया तो अपने इस काम के लिए मैंने इस शहर को चुना क्योंकि यहां के लोगों और उनकी समस्याओं से मैं अच्छी तरह से परिचित हूं।”
यह पूछने पर कि बैंकिंग और वित्त क्षेत्र में विदेश में शानदार नौकरी करने के बाद किन कारणों से वह भारत वापस लौटे, इस सवाल के जवाब में मिश्रा कहते हैं, “जब मैं छात्र था तो मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित था और जब मैं बैंकिंग और वित्त क्षेत्र में कार्यरत था तो मैं विकास कार्यो के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूर दृष्टि का कायल हो गया। सब कुछ छोड़कर मैं समाज सेवा के काम में लग गया।”
मिश्रा ने कहा, “मैं राजनीति में सेवा भाव से आया हूं । मैं श्रावस्ती में स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग क्षेत्र में काम कर रहा हूं । श्रावस्ती के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलें इसके लिये मेरे पास एक विस्तृत कार्य योजना है।”
वह कहते हैं, ”बैंकिंग एवं वित्त व उद्योग के तजुर्बे और दो दशक तक निवेश बैंकिंग में काम करने की वजह से देश विदेश में मेरे अच्छे संपर्क हैं। मैं निजी क्षेत्र के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अपने संपर्कों का इस्तेमाल करते हुए इस इलाके में औद्योगिक निवेश लाने का प्रयास करूंगा ।”
उन्होंने बताया कि उनकी शोध टीम के लोगों ने क्षेत्र का अध्ययन करने के बाद सुझाव दिया है कि श्रावस्ती और आसपास के इलाकों में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित औद्योगिक इकाइयां क्षेत्र और यहां की युवा शक्ति के उत्थान के लिए बहुत लाभप्रद साबित होंगी ।
भाजपा नेता ने कहा कि कृषि आधारित उद्योगों से किसानों को लाभ मिलेगा तथा खाद्य प्रसंस्करण से युवाओं के लिये रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे ।
भाजपा प्रत्याशी साकेत मिश्रा का पैतृक गांव कसली, देवरिया जिले में है। उनके पिता नृपेंद्र मिश्रा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1967 बैच के अधिकारी थे।
साकेत मिश्रा के नाना पंडित बदलूराम शुक्ल बहराइच से 1971 में कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे और उससे पहले विधायक भी रहे थे।
मिश्रा कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘अबकी बार 400 पार’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए वह पिछले कई महीनों से क्षेत्र में काम कर रहे हैं और ग्रामीण इलाकों में सघन संपर्क कर रहे हैं।
वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश के साथ-साथ श्रावस्ती के लिये बहुत काम किया है। उन्होंने कहा कि यहां के गांवों में 18 घंटे से अधिक बिजली आती है तथा कानून-व्यवस्था इतनी अच्छी है कि व्यावसायिक एवं नागरिक सुरक्षित महसूस करते हैं।
उन्होंने कहा कि बचपन से ही श्रावस्ती से लगाव के कारण वह यहां के लोगों की सेवा करना चाहते हैं, लेकिन यह चुनाव मोदी के विकसित भारत की गारंटी और उनके दस साल के कार्य पर ही लड़ा जा रहा है ।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो श्रावस्ती संसदीय सीट पर मुख्य मुकाबला बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राम शिरोमणि वर्मा और भाजपा के दद्दन मिश्रा के बीच था। पिछला चुनाव समाजवादी पार्टी और बसपा ने गठबंधन कर लड़ा था और वर्मा इस सीट से चुनाव जीत गये थे। 2014 में भाजपा के दद्दन मिश्रा ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अतीक अहमद को हराया था।
श्रावस्ती संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा सीट हैं – दो (भिनगा और श्रावस्ती) श्रावस्ती जिले में और तीन (गैसड़ी, तुलसीपुर और बलरामपुर सदर) बलरामपुर जिले में हैं। बलरामपुर सदर सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है।
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा को भिनगा और गैसड़ी सीट पर जीत मिली थी तो तीन सीट भाजपा के खाते में गई थी।
समाजवादी पार्टी ने रविवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिये राम शिरोमणि वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया हैं। हालांकि बसपा ने अब तक आगामी चुनावों के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। श्रावस्ती में 25 मई को मतदान है।
कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने अपने जीवन के अंतिम 25 वर्ष श्रावस्ती में बिताए थे।
जनपद का प्रमुख पर्यटन स्थल पर भगवान बुद्ध की तपोस्थली कटरा श्रावस्ती थाना इकौना में है। कटरा श्रावस्ती में बौद्ध के धर्म अनुयायियों द्वारा बौद्ध मंदिरों का निर्माण कराया गया है।