धर्मनिरपेक्षता के बिना नहीं रह सकता असम, इसलिए जनता कांग्रेस को चुनेगी: बोरा

गुवाहाटी,कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा पर मतदाताओं के “ध्रुवीकरण की योजना बनाने” का आरोप लगाया और दावा किया कि जनता इस बार कांग्रेस को चुनेगी क्योंकि राज्य धर्मनिरपेक्षता के बिना “नहीं रह सकता।”

बोरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि राज्य की जनता वादे पूरे नहीं करने के लिए भाजपा से “बहुत नाराज” है।

उन्होंने कहा, “भारत धर्मनिरपेक्ष देश है और असम धर्मनिरपेक्षता व समाजवाद के बिना नहीं रह सकता। असम की प्रगति के लिए एकजुट होकर काम करना ही एकमात्र तरीका है। मुख्यमंत्री राज्य का ध्रुवीकरण करने की योजना बना रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “अगर असम शांति व प्रगति चाहता है, तो इसे कांग्रेस और गांधीवादी विचारधारा के मार्ग पर चलना होगा।”

बोरा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “उन्होंने असम के लोगों से कई वादे किए थे, जैसे ‘भाजपा आएगी, विदेशी जाएगा’, महंगाई पर काबू पाया जाएगा, रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे, छह समुदायों को एसटी का दर्जा दिया जाएगा। और चाय बागान श्रमिकों का वेतन बढ़ाया जाएगा। लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया गया।”

कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने पर उन्होंने कहा कि टिकट वितरण के कारण ”थोड़ी नाराजगी” थी।

उन्होंने कहा, “यह भाजपा में भी हो रहा है। भाजपा में, एक केंद्रीय मंत्री को टिकट देने से इनकार कर दिया गया है और वह अब चुप हो गए हैं। सोनितपुर और गुवाहाटी के मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया गया और वे अब चुप हैं।”

बोरा ने आरोप लगाया, “आरएसएस और भाजपा की इच्छा” के अनुसार परिसीमन की कवायद की गई थी।

उन्होंने कहा, “यह दोधारी तलवार है, भाजपा के लिए भी यही बात है। इस चुनाव में यह कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है। मुद्दे हैं महंगाई, नौकरियां, बाढ़ व कटाव और असम समझौते को लागू करना।”

कांग्रेस राज्य की 14 में से 13 सीट पर चुनाव लड़ रही है, वहीं डिब्रूगढ़ निर्वाचन क्षेत्र उसकी सहयोगी असम जातीय परिषद (एजेपी) के लिए छोड़ दिया गया है।