कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भारतीयों का खिताब जीतना मुश्किल: आनंद

नयी दिल्ली  युवा जोश के बजाय अनुभव को महत्व देते हुए पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को लगता है कि तीन भारतीय प्रतिभागी कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट में खिताब के दावेदार नहीं है और उनका मानना है कि उन्हें टूर्नामेंट में खेलने का अनुभव हासिल करना चाहिए।

अगली विश्व चैंपियनशिप के चैलेंजर के निर्धारण के लिए कैंडिडेट्स टूर्नामेंट का आयोजन तीन से 22 अप्रैल तक टोरंटो में किया जाएगा।

बेहद प्रतिभाशाली आर प्रज्ञानानंदा, डी गुकेश और विदित गुजराती तीन भारतीय हैं जो इस प्रतियोगिता के ओपन वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

आनंद ने एक लोकप्रिय शतरंज पोर्टल पर वेबकास्ट में कहा, ‘‘भारतीयों के सामने बड़ी चुनौती है। अगर वे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो यह काफी अच्छा होगा। अगर बाद में मौका मिलता है तो वे इसका फायदा उठा सकते हैं। उन्हें पहले टूर्नामेंट में खेलने का अनुभव हासिल करना होगा और अच्छा खेलने की कोशिश करनी चाहिए। बाद में बड़े फैसले करने दीजिए।’’

यह पहली बार है कि इन तीनों ने इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया है और आनंद ने गुजराती को ऐसे खिलाड़ी के रूप में चुना है जो अनुभवी होने के साथ-साथ पदार्पण भी कर रहा है।

कई अन्य लोगों की तरह आनंद का भी मानना है कि अमेरिका के फाबियानो करूआना और हिकारू नाकामुरा टूर्नामेंट में प्रबल दावेदार होंगे जबकि उन्होंने रूस के इयान नेपोमनियाची और फ्रांस के अलीरेजा फिरोजा को टूर्नामेंट में अप्रत्याशित खिलाड़ी करार दिया।

देश के शीर्ष ट्रेनर में से एक ग्रैंडमास्टर एन श्रीनाथ के अनुसार प्रज्ञानानंदा के पास भारतीय खिलाड़ियों के बीच सबसे अच्छा मौका है लेकिन उन्होंने करुआना को खिताब का प्रबल दावेदार बताया।

इस शीर्ष प्रतियोगिता से कुछ ही दिन पहले दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने कहा था कि करुआना और नाकामुरा दोनों के पास ‘शानदार मौका’ है।

कार्लसन को लगता है कि नेपोमनियाची भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। यह रूसी खिलाड़ी पिछली दो बार में विश्व चैंपियनशिप में चैलेंजर था लेकिन इसके अलावा उन्होंने कोई और अच्छा नतीजा हासिल नहीं किया।

कैंडिडेट्स टूर्नामेंट का विजेता अगले विश्व चैंपियनशिप मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन को चुनौती देगा। भारतीयों में कार्लसन ने प्रज्ञानानंदा को ऐसे खिलाड़ी के रूप में चुना जिस पर नजर रहेगी।

कार्लसन ने कहा, ‘‘प्राग (प्रज्ञानानंदा) की कुछ कमजोरियां हैं लेकिन वह मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत स्थिर है, वह अच्छा प्रदर्शन करेगा।’’

नॉर्वे के कार्लसन ने अपने करियर का सबसे मजबूत टूर्नामेंट जीतने की विदित की क्षमताओं का भी जिक्र किया। विशेषकर मनोवैज्ञानिक दृष्टि से विदित में काफी सुधार हुआ है।

कार्लसन ने कहा, ‘‘उसने (विदित ने) प्राग में खराब प्रदर्शन किया जो अच्छा संकेत नहीं है लेकिन उसमें जीतने की क्षमता है।’’

आठ खिलाड़ियों की डबल राउंड रोबिन प्रतियोगिता में एक खिलाड़ी को 14 बाजियां खेलने को मिलेंगी ओर अधिकतम स्कोर वाला खिलाड़ी विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करेगा।

कार्लसन ने लगातार पांच बार खिताब जीतने के बाद 2022 में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। तब डिंग लिरेन और नेपोमनियाची के बीच खिताबी मुकाबला हुआ था जिसमें चीन के खिलाड़ी ने बाजी मारी थी।

आनंद ने 1990 के दशक की शुरुआत में पहली बार कैंडिडेट्स के लिए क्वालीफाई किया और तब से वह 2014 तक हर विश्व चैम्पियनशिप चक्र का हिस्सा रहे। आनंद 2014 में अपने आखिरी विश्व खिताब मुकाबले में कार्लसन से हार गए थे।

ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी और आर वैशाली टूर्नामेंट के महिला वर्ग में भाग लेने वाली दो भारतीय हैं।