केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी और मजबूत होकर उभरी है: गोपाल राय

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नयी दिल्ली,  आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने बृहस्पतिवार को कहा कि आबकारी नीति मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल अपने पति की आवाज बनेंगी और देश में जहां भी जरूरी होगा वहां उनका संदेश लोगों तक पहुंचाएंगी।

राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में कहा कि दिल्ली के लोग केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद संसदीय चुनावों में उतारे गए ‘आप’ और कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात लोकसभा सीट पर पिछड़ रही है।

केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया है।

आम आदमी पार्टी की स्टार प्रचारक के तौर पर सुनीता केजरीवाल गुजरात का दौरा करेंगी। पार्टी गुजरात में भरूच और भावनगर सीट पर चुनाव लड़ रही है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या सुनीता केजरीवाल अपने पति की गैर मौजूदगी में अन्य राज्यों में प्रचार करेंगी, राय ने कहा कि इस संबंध में एक योजना तैयार की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ‘आप’ के सबसे बड़े स्टार प्रचारक थे और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया गया है कि उनकी आवाज देश के लोगों तक न पहुंच सके।

राय ने कहा, ‘‘देश में जहां भी जरूरी होगा, सुनीता केजरीवाल अरविंद केजरीवाल की आवाज उठाएंगी। वह केजरीवाल की आवाज बनेंगी और जहां भी उनकी आवाज उठाने की जरूरत होगी, वहां जाएंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इसके तैयार होते ही हम इसे सार्वजनिक कर देंगे।’’

राय ने कहा कि पार्टी संगठन – सांसद, मंत्री और विधायक लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार और रणनीति के संबंध में सामूहिक रूप से रोजमर्रा के फैसले ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने शायद सपना देखा होगा कि केजरीवाल के जेल जाने के बाद आम आदमी पार्टी ‘‘ताश के पत्तों’’ की तरह ढह जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भाजपा का सपना चकनाचूर हो गया।

राय ने कहा, ‘‘मैं जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि (केजरीवाल की) गिरफ्तारी के बाद ‘आप’ मजबूत होकर उभरी है और जो लोग पहले बिखरे हुए थे, वे अब एकजुट हो गए हैं। इसका नतीजा 25 मई को दिखेगा, जब दिल्ली में वोट डाले जायेंगे।’’

‘आप’ दिल्ली में चार लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने शेष तीन सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।