नींद क्यों नहीं आती

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मनुष्य के जीवन के लिये जिस प्रकार वायु, जल महत्व रखते हैं उसी प्रकार मनुष्य के लिए नींद का भी महत्व है। मनुष्य सारा दिन परिश्रम करता है और रात को शारीरिक थकान मिटाने के लिए नींद के रूप में विश्राम करता है। नींद हमारी शारीरिक और मानसिक थकान को दूर करने में सहायक होती है।


नींद न आने की समस्या से आज 80 प्रतिशत के लगभग लोग ग्रस्त हैं। नींद की कमी सौन्दर्य व स्वास्थ्य पर  बुरा प्रभाव डालती है। आलस्य, चिड़चिड़ापन तथा आंखों के चारों ओर स्याह घेरे भी नींद की कमी के अभाव में ही होते हैं। अब प्रश्न उठता है कि आखिर नींद क्यों नहीं आती? इसका $िजम्मेदार आधुनिक युग में अंधाधुंध रूप से परिवर्तन करता हुआ यह समाज भी है। जिसने हर परिवर्तन के साथ अनेक समस्याओं को भी उत्पन्न किया है। जिसके परिणाम स्वरूप किसी को किसी बात की चिंता सताये रहती है, तो किसी को किसी बात की। नींद और स्वास्थ्य का आपस में इतना अटूट सम्बन्ध है कि यदि इसमें से किसी भी एक का संतुलन बिगड़ता है तो दूसरे पर भी उसका बुरा प्रभाव पड़ता है।


नींद कितनी आनी चाहिए? इस प्रश्न का उत्तर देना तो संभव नहीं क्योंकि सोलह वर्ष की आयु से लेकर पचास वर्ष की आयु वाले सात से दस घंटे तक सोते हैं। वैसे साधारणत: मनुष्य के लिए आठ घंटे की नींद पर्याप्त होती है जबकि इसके विपरीत बच्चों के सोने की समय अवधि बारह से चौदह घंटे तक भी हो सकती है। वैसे तो नींद की किसी व्यक्ति को कितनी आवश्यकता है इस का पता लगाना काफी कठिन कार्य है। बहरहाल आपको नींद क्यों नहीं आती यह विचारणीय प्रश्न है। यह बात आपकी इस बात को स्पष्ट करती है कि आपके हृदय की क्या स्थिति है। आपकी इस बात को भी दर्शाती है कि आपकी आकंक्षाएं और महत्वाकांक्षाएं क्या हैं? आपके जीवन का उद्देश्य क्या है व आर्थिक स्थिति कैसी है आदि। यदि आपको इन बातों में कोई भी तनाव या परेशानी नहीं है तो नींद न आने की समस्या कोई बड़ी समस्या नहीं है। नींद क्यों नहीं आती? इसके लिये आप अपनी दिनचर्या पर दृष्टिपात करें और उन पहलुओं पर विचार करें जो आपकी नींद में बाधक हैं और जब आप इन कारणों को जान लेंगे तो आपकी समस्या काफी सीमा तक हल हो सकती है।
नींद न आने का कारण मानसिक तनाव भी होता है जिसके कारण नींद नहीं आती अत: जहां तक हो मानसिक तनाव को मस्तिष्क से निकाल कर सोने का प्रयास करें।


नींद में बिस्तर की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। स्वच्छ-मुलायम, गुदगुदे बिस्तर पर नींद जल्दी आ जाती है।


नींद बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करती  है कि आपका कार्य क्या है? मानसिक कार्य करने वाले ठीक से नहीं सो पाते जबकि शारीरिक परिश्रम करने वाले गहरी नींद सो जाते हैं। नींद लाने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि आप मानसिक और शारीरिक कार्य इतना करें जो शरीर को थका दें। थकान के उपरान्त नींद बेहद अच्छी आती है।


यदि आप उन्नति करना चाहते हैं और हर समय उसी धुन में लगे रहते हैं तो आप थोड़ी नींद में भी सहज रह सकते हैं।


जिन लोगों को नींद न आती हो तो वह शाम को जल्दी भोजन कर लिया करें और सोने से पूर्व एक गिलास दूध का सेवन भी अवश्य करें।