तोक्यो, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि भारत में 15 साल या उससे भी अधिक समय तक स्थिर सरकार रहेगी।
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे दीर्घकालिक राजनीतिक स्थिरता सरकार को ‘‘साहसिक’’ निर्णय लेने में मदद करती है।
जयशंकर ने यहां भारत-जापान विशेष रणनीतिक साझेदारी पर ‘निक्केई फोरम’ में कहा कि एक मजबूत राजनीतिक जनादेश द्वारा समर्थित सुधारवादी और दूरदर्शी नेतृत्व, जिसका लोकतंत्र में मतलब संसद में बहुमत होना है, का परिणाम “साहसिक निर्णय” होता है।
मंत्री ने यह टिप्पणी उस सवाल पर की कि क्या आगामी चुनाव भारत में राजनीतिक स्थिरता और भारत की विदेश नीति को प्रभावित करेंगे। जयशंकर ने कहा, ‘‘शत-प्रतिशत हमारे यहां 15 साल तक स्थिर सरकार होगी। यह 20 साल या उससे अधिक समय तक भी हो सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर देश, हर समाज अलग-अलग होता है। इसलिए जो बात भारत पर लागू हो सकती है, जरूरी नहीं कि वह दूसरे देशों के लिए भी हमेशा एक जैसी हो। लेकिन हमारा अपना अनुभव यह है कि राजनीति में स्थिरता की कमी या संसद में साहसिक निर्णय लेने के लिए बहुमत न होना एक बड़ी चुनौती है।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में मजबूत राजनीतिक जनादेश का मतलब संसद में बहुमत होना है। यदि आपके पास सुधारवादी, दूरदृष्टि, प्रतिबद्धता वाला नेतृत्व है और वह नेतृत्व बहुत मजबूत राजनीतिक जनादेश द्वारा समर्थित है तो यह साहसिक निर्णयों की ओर ले जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अन्य मामलों में, आपके पास बहुमत है लेकिन आपके पास कोई दृष्टिकोण नहीं है, या आपके पास कोई दृष्टिकोण है, लेकिन आपके पास राजनीतिक समर्थन नहीं है। तो आपको दोनों की जरूरत है। निश्चित रूप से पिछले 10 वर्षों में जो हुआ है, हम इसके जारी रहने की उम्मीद करते हैं।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘राजनीतिक स्थिरता का मतलब नीतिगत स्थिरता है क्योंकि भारत में निवेश करने वाला कोई भी जानना चाहेगा कि अगले 10 वर्षों में भारत कैसा होगा। यदि निवेशक को यह नहीं पता है कि अब से एक साल या अब से छह महीने बाद कैसा होगा तो निवेशक, चाहे वह घरेलू हो या विदेशी, झिझकेगा। इसलिए जब आप किसी देश के जोखिम का मूल्यांकन करते हैं, तो राजनीतिक स्थिरता उसका एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता जयशंकर ने कहा, ‘‘सौभाग्य से, यह पिछले दशक से हमारे लिए अच्छा रहा है और मैं अगले दशक के लिए बहुत आश्वस्त हूं।’’
जयशंकर भारत-जापान के द्विपक्षीय आदान-प्रदान को और गति देने तथा भविष्य के सहयोग का एजेंडा तय करने के लिए 6-8 मार्च तक जापान की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।