वैश्विक संकेतकों, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी शेयर बाजार की दिशा

नयी दिल्ली,शेयर बाजारों की दिशा आगामी कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में वैश्विक रुझानों तथा विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।

विश्लेषकों ने कहा कि बृहस्पतिवार को मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव रह सकता है।

इस सप्ताह बाजार में सिर्फ तीन कारोबारी सत्र होंगे। शेयर बाजार सोमवार को ‘होली’ के मौके पर और शुक्रवार को ‘गुड फ्राइडे’ के अवसर पर बंद रहेंगे।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘छुट्टियों की वजह से इस सप्ताह में कारोबार की मात्रा कम रहेगी। हालांकि, वित्त वर्ष का अंतिम सप्ताह होने तथा वायदा एवं विकल्प खंड में निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।’’

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 188.51 अंक या 0.25 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 73.4 अंक या 0.33 प्रतिशत चढ़ गया।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों का है। डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े और अन्य प्रमुख आर्थिक आंकड़े बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।’’ विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों की निगाह वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी।

शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 48 पैसे गिरकर 83.61 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले 13 दिसंबर, 2023 को रुपया 83.40 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि मुद्रा के स्तर में तेज गिरावट के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा शेयरों की बिकवाली यह संकेत दे रही है कि शेयर बाजारों के लिए आगे की राह कठिन हो सकती है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह छुट्टियों वाला है और हमारा मानना है कि मार्च महीने के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा। इसके अलावा बाजार भागीदार वैश्विक बाजारों के रुख, खासकर अमेरिकी बाजार से भी प्रभावित होंगे।’’