‘इंडिया’ गठबंधन ‘फिल्टर कॉफी’ की तरह; कांग्रेस की वापसी को खारिज नहीं कर सकते : शत्रुघ्न सिन्हा

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कोलकाता,  तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) को ‘‘फिल्टर कॉफी’’ बताया है, जो लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बढ़त हासिल कर रहा है और उन्होंने कांग्रेस के राजनीति में वापसी करने के पिछले रिकॉर्ड का हवाला देते हुए उसे (प्रमुख विपक्षी दल को) कमजोर समझने की भूल न करने पर भी जोर दिया।

आसनसोल के सांसद ने देशभर में ‘‘क्रांतिकारी यात्रा’’ के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद तृणमूल सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका ‘‘रुख पलटने’’ वाली होगी।

अभिनेता से नेता बने सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में चुनावी बॉण्ड को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक ‘‘बड़ा घोटाला और वसूली का गोरखधंधा’’ बताया तथा कहा कि ‘‘चुनावी बॉण्ड के रूप में भाजपा के वसूली और ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए सात चरण में होने वाले चुनाव विपक्षी दलों के लिए एक वरदान हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव में भाजपा को पराजित किया जाएगा। अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास सीबीआई, ईडी और आयकर का समर्थन है तो इंडिया गठबंधन के पास जनता का समर्थन है। कई लोगों को लगता है कि इंडिया के पास साझेदार नहीं है, लेकिन असल बात यह है कि लोग उसके सबसे बड़े सहयोगी हैं। विपक्षी गठबंधन देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़त हासिल कर रहा है।’’

उन्होंने दावा किया कि ‘इंडिया’ गठबंधन समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव जैसे ‘‘मजबूत नेताओं’’ और गठबंधन के कई अन्य नेताओं के साथ ‘‘फिल्टर कॉफी’’ की तरह है।

सिन्हा ने कहा, ‘‘देशभर के कई महत्वपूर्ण नेता ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं और इसलिए मैंने इसे फिल्टर कॉफी कहा है। जब चुनावों के बाद अन्य विपक्षी नेता भी इसमें शामिल होंगे तो इस फिल्टर कॉफी का स्वाद और भी बेहतर होगा।’’

आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल जैसे दलों के कांग्रेस के इस विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने से असहमति जताने के बारे में सिन्हा ने कहा, ‘‘कांग्रेस एक राष्ट्रीय दल है और उसे खारिज नहीं किया जाना चाहिए। उसका वापसी करने का इतिहास और पिछला रिकॉर्ड रहा है। वर्ष 2019 में भी उसे विपक्षी दलों में सबसे अधिक सीट मिली थीं।’’

‘आप’ और टीएमसी के राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद इसे पंजाब तथा पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जोर न पकड़ने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राज्यों में जमीनी स्तर पर गठबंधन संभव नहीं है, क्योंकि इससे विपक्ष का स्थान भाजपा के पास चला जाएगा।’’

भाजपा के अपने दम पर 370 से अधिक सीट हासिल करने और राजग के 400 सीट के आंकड़ें को पार करने के दावे का मखौल उड़ाते हुए सिन्हा ने कहा, ‘‘ऐसे दावे भाजपा खेमे में हताशा को दर्शाते हैं।’’

सिन्हा ने देश में दो बड़ी यात्राएं करने के लिए राहुल गांधी की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी एक सक्षम नेता हैं। वह एक जांचे-परखे नेता हैं, लेकिन साथ ही मुझे लगता है कि हमारी पार्टी सुप्रीमो की भूमिका चुनावों के बाद सरकार गठन में रुख बदलने वाली होगी। लेकिन प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला चुनावों के बाद विपक्षी दल लेंगे।’’

दूसरी बार आसनसोल सीट से चुनाव लड़ रहे सिन्हा ने 2022 के उपचुनाव के मुकाबले और बड़े अंतर से इस सीट पर कब्जा जमाने की उम्मीद जतायी।