लोकसभा चुनाव: झारखंड में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं संथाल परगना और उत्तरी छोटानागपुर

रांची,झारखंड के 14 में से आठ सांसद देने वाले संथाल परगना और उत्तरी छोटानागपुर क्षेत्र का आगामी लोकसभा चुनाव में काफी महत्वपूर्ण हैं।

राज्य के दक्षिणी भाग में कोल्हान क्षेत्र भी राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण है जिसमें सिंहभूम के अलावा प्रतिष्ठित जमशेदपुर सीट आती हैं।

राज्य में 13, 20, 25 मई और एक जून को चार चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे। 2019 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 11 सीटों जीत दर्ज की थी, जबकि उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने एक सीट हासिल की। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस दोनों के पास एक-एक लोकसभा सीट हैं।

आगामी चुनावों के लिए भाजपा ने 14 में से 11 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है,विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है क्योंकि सीट बंटवारे को लेकर झामुमो और कांग्रेस सहित सहयोगियों के बीच बातचीत जारी है।

संथाल परगना: संथाल परगना में भाजपा ने 2019 में दुमका (एसटी) और गोड्डा सीट जीती थीं जबकि भाजपा राजमहल (एसटी) झामुमो से हार गई थी।

झामुमो के विजय कुमार हंसदक ने 2019 में राजमहल सीट पर भाजपा के हेमलाल मुर्मू को हराकर जीत हासिल की थी।

इस बार भाजपा ने अपने पूर्व झारखंड प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को राजमहल से मैदान में उतारा है।

मरांडी ने 2014 में भाजपा के टिकट पर बोरियो विधानसभा सीट जीती थी, भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद वह 2019 में आजसू में शामिल हो गए थे। हालांकि, 2022 में उनकी भाजपा में वापसी हो गई।

दुमका में भाजपा ने मौजूदा सांसद सुनील सोरेन को मैदान में उतारा है। उन्होंने 2019 के चुनाव में झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को 47,590 मतों के अंतर से हराया था।

मौजूदा सांसद निशिकांत दुबे गोड्डा से दोबारा चुनाव लड़ेंगे। दुबे ने झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के प्रदीप यादव को 1,84,227 मतों से हराया था।

उपरोक्त तीन निर्वाचन क्षेत्रों में एक जून को मतदान होगा।



उत्तरी छोटानागपुर: उत्तरी छोटानागपुर क्षेत्र में कुल पांच सीटें आती हैं, जो राज्य के किसी भी क्षेत्र के लिए संख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा हैं।

उनमें से प्रमुख सीट शहरी निर्वाचन क्षेत्र हज़ारीबाग है, जिसका प्रतिनिधित्व कभी पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और बाद में उनके बेटे पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने किया था।

इस बार भाजपा ने निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा की जगह स्थानीय विधायक मनीष जायसवाल को मैदान में उतारा है।

जयंत सिन्हा ने 2019 में कांग्रेस के गोपाल साहू को 4.79 लाख वोटों के अंतर से हराकर यह सीट जीती थी।

इस क्षेत्र में हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह और धनबाद आते हैं।

कोल्हान: इस क्षेत्र की सिंहभूम (एसटी) और जमशेदपुर सीट पर भी चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।



पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को इस बार भाजपा ने सिंहभूम से अपना उम्मीदवार बनाया है जो हाल में कांग्रेस छोड़कर केंद्र में सत्तारुढ़ दल में शामिल हुई हैं। निवर्तमान सांसद गीता कोड़ा ने 2019 के चुनाव में यहां से भाजपा उम्मीदवाल लक्ष्मण गिलुआ को हराया था। जमशेदपुर में भाजपा ने बिद्युतबरन महतो को भी मैदान में उतारा है। उन्होंने 2019 में चंपई सोरेन को तीन लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था।



दक्षिण छोटानागपुर: दक्षिण छोटानागपुर के खूंटी में चुनावी जंग रोचक होगी जहां से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को मैदान में उतारा है। उन्होंने 2019 के चुनाव में यह सीट 1,445 मतों के मामूली अंतर से जीती थी। भाजपा ने क्षेत्र की लोहरदगा सीट से राज्यसभा सदस्य समीर ओरांव को उम्मीदवार बनाया है। राज्यसभा के लिये उनका कार्यकाल तीन मई को खत्म हो रहा है। वह यहां से निवर्तमान सांसद सुदर्शन भगत की जगह उम्मीदवार बनाए गए हैं।



वहीं रांची सीट पर भाजपा ने एक बार भी सांसद संजय सेठ पर भरोसा जताया है जिन्होंने पिछले चुनाव में कांग्रेस के सुबोध कांत सहाय को 2,82,780 मतों से हराया था।



वहीं पलामू (एससी) सीट पर भाजपा ने पूर्व डीजीपी और निवर्तमान सांसद विष्णु दयाल राम को फिर टिकट दिया है। उन्होंने पिछला चुनाव 4,77,606 मतों के अंतर से जीता था।