हैदराबाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के जरिये हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन शरणार्थियों को नागरिकता देकर सम्मानित किया है।
यहां भाजपा सोशल मीडिया स्वयंसेवकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने तुष्टिकरण और वोट-बैंक की राजनीति के कारण सीएए का विरोध किया।
शाह ने सीएए लागू करने को जायज ठहराते हुए कहा, ‘हमने कहा था कि हम सीएए लाएंगे। कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध किया।’
उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद कांग्रेस और हमारे संविधान निर्माताओं का यह वादा था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर सताये गए लोगों को भारत आने पर नागरिकता प्रदान की जाएगी, लेकिन तुष्टीकरण और वोट-बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध किया।’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लाखों-करोड़ों लोग अपनी आस्था और सम्मान को बचाने के लिए भारत आए लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं दी गई। उन्होंने कहा, ‘ नागरिकता नहीं मिलने से उन्होंने अपने देश में खुद को अपमानित महसूस किया।’
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीएए के जरिए हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख शरणार्थियों को नागरिकता देकर उनका सम्मान किया है।
शाह ने अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त करने, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, तीन तलाक को खत्म करने और देश के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने जैसी मोदी सरकार की कुछ उपलब्धियों को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक की राजनीति के कारण राम मंदिर मुद्दे को 70 वर्षों तक लटकाया और प्राण प्रतिष्ठा समोराह का बहिष्कार किया। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित किया।