कोच्चि, गैर लाभकारी संगठन ‘पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स इंडिया’ (पेटा) ने अभिनेत्री प्रियामणि के साथ मिलकर कोच्चि के त्रिक्कायिल महादेव मंदिर में एक मशीनीकृत हाथी दान किया है।
ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मंदिर ने जीवित हाथियों को न रखने और न ही किराये पर लेने का निर्णय किया है। इस मंदिर में विभिन्न अनुष्ठान के लिए हाथी की जरूरत होती है।
पेटा ने रविवार को जारी की गई एक विज्ञप्ति में बताया कि मशीनीकृत हाथी का नाम महादेवन रखा गया है। इसका इस्तेमाल मंदिर में सुरक्षित और क्रूरता मुक्त तरीके से समारोह आयोजित करने के लिए किया जाएगा। यह केरल में इस्तेमाल किया जाने वाला ऐसा दूसरा हाथी है।
पेटा की विज्ञप्ति में प्रियामणि के हवाले से कहा गया, ‘‘प्रौद्योगिकी में प्रगति का मतलब है कि हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक प्रथाओं और विरासत को बनाए रख सकते हैं और यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि इससे जानवरों को भी नुकसान न पहुंचे।’’
त्रिक्कायिल महादेव मंदिर के मालिक थेक्किनियेदथ वल्लभन नंबूथिरी ने कहा कि वे भगवान द्वारा बनाए गए सभी जानवरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए मशीनीकृत हाथी महादेवन के उपयोग को लेकर अत्यंत प्रसन्न हैं।
उन्होंने कहा कि हाथी भी मनुष्यों की तरह अपने परिवारों के साथ स्वतंत्र और सुरक्षित रहना चाहते हैं।
पिछले साल त्रिशूर जिले के इरिनजादपिल्ली श्री कृष्ण मंदिर के अधिकारियों ने किसी भी उत्सव के लिए जीवित जानवरों का उपयोग बंद करने का संकल्प लिया था। इसके बाद केरल में पहली बार उन्होंने मंदिर में अनुष्ठानों के लिए मशीनीकृत हाथी का इस्तेमाल किया था।