इंफाल, मणिपुर में आगामी लोकसभा चुनाव में राहत शिविरों में विशेष मतदान केंद्र बनाए जाएंगे ताकि जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोग वोट डाल सकें।
राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘राज्य के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में पंजीकृत मतदाताओं को तीन मई 2023 को शुरू हुए संघर्ष के दौरान उनके मूल स्थानों से विस्थापित होना पड़ा। अभी वह विभिन्न जिलों में राहत शिवरों में रह रहे हैं। विस्थापित हुए मतदाताओं के नाम अब भी उन स्थानों पर मतदाता सूची में शामिल हैं जहां वे संघर्ष शुरू होने से पहले रहते थे।’’
बयान के अनुसार, ‘‘ईसीआई ने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ उचित विचार-विमर्श करने के बाद निर्देश दिया है कि संघर्ष के दौरान अपने मूल स्थानों को छोड़कर गए ऐसे सभी विस्थापित लोग राज्य में संबंधित विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में शामिल रहेंगे।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘पहले की तरह ही आंतरिक रूप से विस्थापित मतदाताओं को राहत शिविरों में लगाए जाने वाले विशेष मतदान केंद्रों पर वोट करने की सुविधा उपलब्ध करायी जाए।’’
विशेष मतदान केंद्रों पर हुए मतदान के तहत पड़े मतों की गिनती निर्दिष्ट मनोनीत सहायक रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा की जाएगी।
राज्य में घाटी के पांच जिलों और तीन पर्वतीय जिलों में राहत शिविरों में 50,000 से अधिक आंतरिक रूप से विस्थापित लोग रह रहे हैं।