जेएसडब्ल्यू समूह से निवेश मिलने के बाद एमजी मोटर इंडिया आक्रामक विस्तार की तैयारी में

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नयी दिल्ली,  जेएसडब्ल्यू समूह को निवेशक के रूप में जोड़ने के बाद एमजी मोटर इंडिया को आक्रामक विस्तार योजना के साथ और तेजी से वृद्धि की राह पकड़ने की उम्मीद है। कंपनी के मानद मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राजीव छाबा ने यह राय जताई है।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने देश में अपनी यात्रा के पहले चरण में प्रौद्योगिकी, ग्राहक अनुभव, लैंगिग विविधता और सामुदायिक सेवा के आधार पर पहले की मजबूत नींव स्थापित कर चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘अब हम अगले चरण की वृद्धि की राह पर हैं।’’ चाबा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अब निवेशक के आने के बाद मैं निश्चित रूप से तेज वृद्धि की राह और अधिक आक्रामक विस्तार योजनाओं की उम्मीद करूंगा। हम ठोस आधार का लाभ उठाएंगे।’’ उनसे पूछा गया था कि नया निवेशक आने के बाद एमजी मोटर आगे के लिए क्या तैयारी कर रही है।

हालांकि, उन्होंने अगले सप्ताह चीन की एसएआईसी मोटर और जेएसडब्ल्यू समूह के बीच संयुक्त उद्यम की घोषणा का हवाला देते हुए भविष्य की रूपरेखा का ब्योरा नहीं दिया।

पिछले साल नवंबर में चीन की सबसे बड़ी वाहन विनिर्माता एसएआईसी मोटर ने भारत में एमजी मोटर के बदलाव और विकास में तेजी लाने के लिए जेएसडब्ल्यू समूह के साथ एक संयुक्त उद्यम समझौता किया था। एमजी मोटर एक ब्रिटिश ब्रांड है जिसका स्वामित्व शंघाई मुख्यालय वाली एसएआईसी मोटर के पास है।

जेएसडब्ल्यू समूह की भारतीय संयुक्त उद्यम में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। समझौते के अनुसार, एसएआईसी भारतीय उपभोक्ताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए परिवहन समाधान प्रदान करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी और उत्पादों के साथ संयुक्त उद्यम का समर्थन जारी रखेगी।

वर्ष 2022 में एमजी मोटर इंडिया ने दूसरी विनिर्माण इकाई पर लगभग 4,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना की घोषणा की थी। कंपनी अपने गुजरात के हलोल संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता को 1.25 लाख इकाइयों तक बढ़ाना चाहती है। दूसरे संयंत्र से कंपनी 1.75 लाख इकाइयों की अतिरिक्त क्षमता जोड़ना चाहती है। दो साल में कंपनी की योजना अपनी उत्पादन क्षमता को तीन लाख इकाई सालाना करने की है। हालांकि, वित्तपोषण की कमी की वजह से कंपनी की विस्तार योजना में देरी हुई है।

वर्ष 2019 में अपनी स्थापना के बाद से एमजी मोटर इंडिया ने 7,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है और देश में करीब 2,00,000 वाहन बेचे हैं।