लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे, चार जून को आएंगे परिणाम

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नयी दिल्ली    निर्वाचन आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा कर दी। इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना चार जून को होगी।

इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का प्रयास करेंगे, वहीं विपक्षी दल उनका विजय रथ रोकने के लिए पूरा दमखम लगाएंगे।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। इसके साथ ही आयोग ने घोषणा की कि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव 19 अप्रैल को और आंध्र प्रदेश में 13 मई को होंगे।

ओडिशा विधानसभा के चुनाव चार चरणों में 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को होंगे।

कुमार ने दो नए चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 26 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव भी होंगे।

उन्होंने कहा कि बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में सभी सात चरणों में मतदान होगा।

पहले चरण में 19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीट पर मतदान होगा।

कुमार ने बताया कि दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 13 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 89 सीट पर मतदान होगा।

सात मई को तीसरे चरण में, 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 94 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा।

चौथे चरण में 13 मई को 10 राज्यों के 96 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा।

पांचवें चरण में 20 मई को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीट पर मतदान होगा।

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीट पर मतदान होगा।

सातवें और अंतिम चरण में एक जून को आठ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीट पर मतदान होगा।

कुमार ने बताया कि 18वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही देश में आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी, जो मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सके।

कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि ऐसे मतदाताओं की संख्या 1.8 करोड़ है, जो पहली बार मतदान करेंगे और मतदाता सूची में 85 साल से अधिक उम्र के 82 लाख और सौ साल से अधिक उम्र के 2.18 लाख मतदाता शामिल हैं।

कुमार ने बताया कि देशभर में मतदाता लिंगानुपात 948 है और 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है।

उन्होंने कहा कि देश में 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र होंगे और 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल होगा।

उन्होंने कहा कि आयोग हिंसामुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।



कुमार ने कहा, ‘हम पूरी तरह तैयार हैं और मैं मतदाताओं से अनुरोध करता हूं कि वे स्याही (मतदान वाली) लगवाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।’’

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय चुनाव इस तरह से कराने का वादा करता है कि वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़े।

कुमार ने कहा, ‘सभी राज्यों में आकलन के बाद हम एक यादगार, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को लेकर आश्वस्त हैं।’’

उन्होंने कहा कि आयोग ने 17 लोकसभा, 16 राष्ट्रपति चुनाव और 400 से अधिक विधानसभा चुनाव कराए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले 11 राज्यों के चुनाव शांतिपूर्ण और हिंसामुक्त रहे और लगभग एक भी सीट पर दोबारा चुनाव नहीं हुआ।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में मतदान हुआ था। चुनाव परिणाम 23 मई को घोषित किये गए थे।

उस चुनाव में कुल 91.2 करोड़ योग्य मतदाता थे, जिनमें लगभग 43.8 करोड़ महिला मतदाता और लगभग 47.3 करोड़ पुरुष मतदाता थे।

कुल लगभग 61.5 करोड़ वोट डाले गए थे और 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था।

साल 2019 के चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 303, कांग्रेस ने 52, तृणमूल कांग्रेस ने 22, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पांच, माकपा ने तीन और भाकपा ने दो सीटें जीती थीं।