नयी दिल्ली, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ संबंधी उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा में अब तक कुल 28 अविश्वास प्रस्ताव पेश किए गए हैं।
समिति की रिपोर्ट में सात ऐसी घटनाओं का भी जिक्र किया गया है जब लोकसभा में गतिरोध कायम हो गया था।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने पहले कदम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की तथा इसके बाद 100 दिनों के भीतर एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की बृहस्पतिवार को सिफारिश की।
समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी।
रिपोर्ट में पेश किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा में सबसे अधिक 12 अविश्वास प्रस्ताव 1961-70 के दौरान पेश किए गए जबकि 1971-1980 के दौरान ऐसे छह प्रस्ताव लाए गए। इसके उलट, 2000 से 2023 के बीच तीन अविश्वास प्रस्ताव ही पेश किए गए।
इन मुद्दों से निपटने के लिए समिति ने एक व्यापक तंत्र का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्तावित ढांचे में लोकसभा के कार्यकाल को उसकी पहली बैठक से पांच वर्ष निर्धारित करने वाला एक संवैधानिक संशोधन शामिल है।