नयी दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ‘आदिवासी संकल्प’ की गारंटी के माध्यम से आदिवासियों के अधिकारों तथा उनके ‘जल, जंगल, जमीन’ की रक्षा करेगी।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान आदिवासियों के लिए छह सूत्री ‘संकल्प’ की घोषणा की।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि मोदी सरकार में वन सरंक्षण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और वन क्षेत्र को मित्र पूंजीपतियों को दिया जा रहा है।
खरगे का कहना था, “हम आदिवासियों के ‘जल जंगल जमीन’ की रक्षा करने की पूरी कोशिश करेंगे और इसे कानून के तहत करेंगे।” खरगे ने कहा, “वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित किया जाएगा, एक स्पेशल बजट रखा जाएगा और विशेष कार्य योजना तैयार की जाएगी।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा वन संरक्षण और भूमि अधिग्रहण अधिनियमों में किए गए सभी संशोधनों को कांग्रेस वापस लेगी, जिनसे आदिवासियों को बड़े पैमाने पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खरगे के अनुसार, कांग्रेस सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उन सभी बस्तियों या बस्तियों के समूहों को अनुसूचित क्षेत्रों के रूप में चिन्हित करने के लिए प्रतिबद्ध है जहां एसटी सबसे अधिक हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘पंचायत प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम’ (पेसा) के अनुसार राज्यों में कानून बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि ‘ग्राम सरकार’ और ‘स्वायत्त जिला सरकार’ की स्थापना हो सके।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा लाया जाने वाला एमएसपी का अधिकार कानून, जो एमएसपी को कानूनी दर्ज़ा देगा वह छोटे वन उपज को भी कवर करेगा। उन्होंने दावा किया, “अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए बजटीय संसाधनों में संतुलित और पर्याप्त हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए 1970 के दशक के अंत में इंदिरा गांधी द्वारा शुरू की गई अनुसूचित जाति और जनजातीय उपयोजना के लिए सब प्लान योजना को 2014 में मोदी सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया था। ” उन्होंने कहा कि कांग्रेस अनुसूचित जाति योजना और जनजातीय उप-योजना को पुनर्जीवित करने और इसे कानून द्वारा लागू करने योग्य बनाने की गारंटी देती है, जैसा कि कुछ राज्यों में कांग्रेस सरकारों ने किया है।