मुंबई,कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने शनिवार को कहा कि आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल को नैतिक आधार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
आम आदमी पार्टी (आप)के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को बृहस्पतिवार रात को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को लेकर अड़िग हैं।
निरुपम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से गुजर रहे हैं। इंसानियत के नाते उनके प्रति सहानुभूति है। कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है। लेकिन वे भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं,उसने मुझे यह पोस्ट लिखने के लिए मजबूर कर दिया।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘एक समय था जब एक हवाला कारोबारी जैन की कथित डायरी में अडवाणी जी,माधवराव सिंधिया और कमलनाथ जैसे नेताओं के नाम आए थे और उनपर रिश्वत लेने के आरोप लगे,तब उन्होंने नैतिकता के आधार पर तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लाल बहादुर शास्त्री ने एक ट्रेन दुर्घटना पर इस्तीफा दे दिया था।’’
निरुपम ने लिखा, ‘‘अभी हाल में जब वे ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ का तमाशा पूरे देश को दिखा रहे थे तब यूपीए (कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के मंत्रियों ने भ्रष्टाचार के छिछले आरोपों पर भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। कुछ महीने पहले की बात है,झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ़्तारी से पहले पद छोड़कर एक नैतिक आचरण पेश किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हजारों साल पीछे जाएं तो अपने पिता के वचन के लिए राम ने राजपाट त्याग दिया था। जिसके लिए राजपाट छीना गया था,वह कभी भी राजा रामचंद्र के सिंहासन पर नहीं बैठे,बल्कि खड़ाऊं रखकर तब तक राज चलाया जब तक उनके बड़े भाई राम लौटे नहीं। भारत की ऐसी समृद्ध परंपरा रही है।’’
निरुपम ने कहा, ‘‘दिल्ली के शराब घोटाले की सच्चाई क्या है,इसका फैसला अदालत को करना है। पर एक मुख्यमंत्री पर इस घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। उनकी गिरफ़्तारी हुई है। वे कस्टडी में हैं और मुख्यमंत्री के पद से अभी तक चिपके हुए हैं? यह कैसी नैतिकता है ? उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत की राजनीति में महज़ 11 साल पुरानी पार्टी राजनीति के पूरी तरह अनैतिक हो जाने की एक मिसाल पेश कर रही है। उन्होंने कहा,‘‘ हम अपने-अपने राजनीतिक कुनबे के हिसाब से पूरी घटना पर स्टैंड ले रहे हैं,पर खतरा यह है कि केजरीवाल जी की अपनी कुर्सी से चिपके रहने की ज़िद आगे जाकर भारतीय राजनीति को और खोखला कर देगी। इस खतरे को राजनीति से ऊपर उठकर भांपने की आवश्यकता है।’’