नयी दिल्ली, अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सौर नीति, 2023 को अधिसूचित कर दिया है, जिससे 400 यूनिट से अधिक मासिक उपयोग वाले उपभोक्ताओं को छत पर सौर संयंत्रों के माध्यम से शून्य बिल प्राप्त करने में मदद करेगी। शनिवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी गई।
नीति के मुताबिक जिन उपभोक्ताओं को प्रति माह 400 यूनिट से अधिक उपयोग करने पर सब्सिडी नहीं मिलती है, वे अब छत पर सौर पैनल लगा सकते हैं और शून्य बिल प्राप्त कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार ने बयान में कहा कि अगर वाणिज्यिक उपयोगकर्ता छत पर संयंत्र लगाएंगे तो उनका बिजली बिल आधा हो जाएगा।
वर्तमान में घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक मासिक खपत करने पर शून्य बिल मिलता है, जबकि मासिक खपत 201-400 यूनिट होने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 29 जनवरी को दिल्ली सौर नीति, 2023 लाने की घोषणा की थी। सरकारी बयान में कहा गया कि दिल्ली सरकार इस नीति को अमली जामा पहनाने के लिए 570 करोड़ रुपये व्यय करेगी।
नीति के मुताबिक सौर पैनल स्थापित करने वालों को उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे प्रति माह 900 रुपये तक की अतिरिक्त कमाई होगी और नयी नीति के तहत सौर पैनल लगाने पर आने वाला खर्च चार साल के भीतर वसूल हो जाएगा।
दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि यह नीति न केवल राष्ट्रीय राजधानी वासियों के लिए बिजली बिल कम करेगी बल्कि प्रदूषण को कम करने में भी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार का लक्ष्य 2027 तक दिल्ली की कुल बिजली जरूरत का 50 प्रतिशत पूर्ति सौर ऊर्जा से करने का है।
नीति के मुताबिक दिल्ली सरकार उत्पादित बिजली पर प्रति यूनिट तीन रुपये उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा करेगी। तीन से 10 किलोवाट के लिए दो रुपये प्रति यूनिट की दर से पैसा जमा कराया जाएगा। सरकार पांच साल तक यह उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (जीबीआई) देना जारी रखेगी।
जीबीआई के तहत राशि उपभोक्ता के मासिक बिजली बिल में समायोजित की जाएगी। किसी भी अतिरिक्त राशि को संबंधित बिजली कंपनी द्वारा हर महीने उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। इससे पहले,जीबीआई राशि साल में केवल दो बार अंतरण की जाती थी।
बयान के मुताबिक दिल्ली सौर नीति की सभी जानकारी एक ही जगह उपलब्ध कराने के लिए एक सौर पोर्टल बनाया जा रहा है। नीति से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी इस पर दी जाएगी।
नीति में 500 वर्ग मीटर के छत क्षेत्र वाले सभी सरकारी भवनों पर छत पर लगाए जाने वाले सौर पैनल की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है।
बयान में कहा गया कि पहली बार, दिल्ली सरकार आवासीय उपभोक्ताओं को 2,000 रुपये प्रति किलोवाट अवस्थापना की दर से अधिकतम 10,000 रुपये प्रति उपभोक्ता तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करेगी। यह केंद्र सरकार की पूंजीगत सब्सिडी के अतिरिक्त होगी।
इसमें कहा गया कि वर्ष के अंत में, यदि उत्पादित सौर ऊर्जा उपभोक्ता की वार्षिक बिजली मांग से अधिक है, तो उपभोक्ता डिस्कॉम से इसके लिए पैसा कमाएगा।
बयान में कहा गया कि वर्तमान में, दिल्ली के लगभग 70 प्रतिशत आवासीय उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल मिलता है यानी उनकी बिजली खपत हर महीने 200 यूनिट से कम है। नयी नीति के तहत छत पर सौर संयंत्र लगाने से आंशिक सब्सिडी वाले और बिना सब्सिडी वाले उपभोक्ताओं को भी पहले महीने से ही हर महीने शून्य बिल मिल सकता है।