नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि. (आईओसी) ने ईंधन ग्रेड में एक-के-बाद-एक नवोन्मेषण किए हैं। अब सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की निगाह ग्रां प्री पर है और अगले तीन महीने में यह ‘एड्रेनलाइन पंपिंग’ फॉर्मूला-वन (एफ 1) मोटर रेसिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन का उत्पादन शुरू कर देगी। कंपनी विशिष्ट ईंधन के क्षेत्र में विस्तार की रणनीति के तहत इस दिशा में कदम उठा रही है।
आईओसी के चेयरमैन माधव वैद्य ने कहा कि कंपनी की पारादीप रिफाइनरी में तीन महीने में फॉर्मूला-वन कार रेसिंग में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी की भारत के ईंधन बाजार में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह फॉर्मूला-वन ईंधन का उत्पादन करने वाली देश की पहली और वैश्विक स्तर पर कुछ चुनिंदा कंपनियों में शामिल जाएगी।
वैद्य ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि उसके फॉर्मूला-वन ईंधन को तीन माह में प्रमाणन मिल जाएगा। इसके बाद वह इस ईंधन की आपूर्ति एफ-1 टीम को करने के लिए शेल जैसी वैश्विक कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करेगी।
आईओसी के पास पहले से ही तीन ब्रांडेड ईंधन हैं। इसमें अधिक बिकने वाला एक्स्ट्राग्रीन डीजल भी शामिल है।
‘फॉर्मूला वन’ ईंधन ऐसा होता है, जो काफी उल्लेखनीय प्रदर्शन देता है।
वैद्य ने कहा कि कंपनी ‘स्टॉर्म’ पेट्रोल पेश करने के साथ रेसिंग खंड में उतर गई है। ‘स्टॉर्म’ का इस्तेमाल‘मोटरसाइकिल रेसिंग’ क्षेत्र में होता है।