भारत एआई में दुनिया की अगुवाई करेगा, स्टार्टअप वैश्विक चुनौतियों के लिए भारतीय समाधान पेश करेंः मोदी

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नयी दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को युवा उद्यमियों और स्टार्टअप से दुनियाभर में आ रही चुनौतियों पर ‘वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधान’ पर काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत कृत्रिम मेधा (एआई) क्षमता में दुनिया का नेतृत्व करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने यहां ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ को संबोधित करते हुए कहा कि एआई, सेमीकंडक्टर और क्वॉन्टम पर पहले शुरू किए गए तीन मिशन युवाओं के लिए रोजगार और वैश्विक निवेशकों के लिए निवेश के अवसर पैदा करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम एआई प्रौद्योगिकी के एक नए युग में हैं और दुनिया मानती है कि एआई में भारत का पलड़ा भारी रहेगा। अब यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है कि हम इस अवसर को जाने न दें।’’

उन्होंने कहा कि एआई युवा नवप्रवर्तकों और वैश्विक निवेशकों के लिए असीमित संभावनाएं प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘‘एआई क्षमताओं का नेतृत्व भारत के हाथों में रहेगा और रहना चाहिए। मुझे विश्वास है कि ‘वैश्विक अनुप्रयोगों (एप्लिकेशन) के लिए भारतीय समाधान’ की धारणा एक ताकत होगी…भारतीय नवप्रवर्तकों के समाधान कई देशों की समस्याओं का समाधान करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि एआई उद्योग के आने से युवा नवप्रवर्तकों के लिए कई नौकरियां पैदा हो रही हैं और वैश्विक निवेशकों के लिए निवेश के अवसर पैदा हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में राष्ट्रीय क्वॉन्टम मिशन, भारत एआई मिशन और सेमीकंडक्टर मिशन का भी उल्लेख किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पहले सुपरकंडक्टिंग और फोटोनिक प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न मंचों में आठ वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट के साथ मध्यवर्ती पैमाने के क्वॉन्टम कंप्यूटर विकसित करने के लिए राष्ट्रीय क्वॉन्टम मिशन को मंजूरी दी थी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पहले ही भारत एआई मिशन के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है, जिसका उपयोग कंप्यूटर बुनियादी ढांचे के निर्माण और नवाचार के लिए स्टार्टअप को वित्तपोषण के साथ-साथ अन्य सहायता प्रदान करने के लिए किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने हजारों करोड़ रुपये के निवेश के साथ राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन बनाने का फैसला किया है और स्टार्टअप के वित्तपोषण के लिए एक बेहतर तंत्र बनाने की तैयारी भी कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘देश ने हजारों करोड़ के निवेश के साथ राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन बनाने का फैसला किया है…अंतरिम बजट में शोध एवं नवाचार के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कोष की घोषणा की गई है। इससे उभरते क्षेत्रों में दीर्घकालिक अनुसंधान में मदद मिलेगी।”

प्रधानमंत्री ने यह भरोसा भी जताया कि उनकी सरकार आगामी आम चुनाव के बाद पूर्ण बजट लेकर आएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में देश में 100 स्टार्टअप भी नहीं थे और अब यह संख्या लगभग 1.25 लाख हो चुकी है।

उन्होंने कहा, “लगभग 12 लाख युवा उन स्टार्टअप से सीधे जुड़े हुए हैं। हमारे पास 110 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। हमारे स्टार्टअप ने 12,000 से अधिक पेटेंट आवेदन दाखिल किए हैं।”

प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप कंपनियों को पेटेंट आवेदन में तेजी दिखाने की सलाह देते कहा कि ऐसा न करने पर कोई दूसरा उनके नवोन्मेषण का उपयोग करना शुरू कर देगा।

उन्होंने कहा कि भारत में युवा अब नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप कंपनियों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नवाचार संस्कृति न केवल विकसित भारत के लिए बल्कि दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।

उन्होंने यूनिकॉर्न कंपनियों से अपील की कि वे नए विचारों का उसी तरह समर्थन करें जैसा उन्हें तब मिला था जब वे आगे बढ़ रही थीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपने चुनाव अभियान में भी एआई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं और तमिल, तेलुगू और अन्य भाषाओं में अपने बयान साझा कर रहे हैं।