थिंपू, भारत और भूटान ने शुक्रवार को ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल संपर्क, अंतरिक्ष और कृषि के क्षेत्र में कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए और दोनों देशों के बीच रेल संपर्क संबंधी समझौते को अंतिम रूप दिया।
मोदी की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके भूटानी समकक्ष शेरिंग टोबगे की मौजूदगी में यहां समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।
भारत के विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री टोबगे को धन्यवाद दिया।’’
बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और ‘‘नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, पर्यावरण और वानिकी तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति बनाई।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और भूटान के बीच दीर्घकालिक और अनूठे संबंध हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘बैठक से पहले, प्रधानमंत्री मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल संपर्क, अंतरिक्ष, कृषि और युवा संपर्क पर कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।’’
भारतीय विदेश मंत्रालय ने यहां कहा कि इसके अलावा, दोनों पक्ष भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क को लेकर ‘‘सहमति जता चुके हैं और इस संबंध में एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं’’।
बयान में कहा गया है कि समझौता ज्ञापन में भारत और भूटान के बीच दो प्रस्तावित रेल संपर्क का प्रावधान किया गया है, जिसमें कोकराझार-गेलेफू रेल संपर्क और बनारहाट-समत्से रेल संपर्क और उनके कार्यान्वयन के तौर-तरीके शामिल हैं।
इसके अनुसार ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण उपायों के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन का उद्देश्य ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा विकसित ‘स्टार लेबलिंग’ कार्यक्रम को बढ़ावा देकर घरेलू क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में भूटान की सहायता करना है।
खेल और युवा मामलों के संबंध में सहयोग पर समझौता ज्ञापन से दोनों पक्षों की खेल एजेंसियों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने और खेल गतिविधियों/कार्यक्रमों के आयोजनों से भारत और भूटान के बीच लोगों से लोगों के संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बयान के अनुसार औषधीय उत्पादों के संदर्भ मानकों, फार्माकोपिया, सतर्कता और परीक्षण को साझा करने से संबंधित सहयोग पर समझौता किया गया है।
इसके अनुसार अंतरिक्ष सहयोग पर एक संयुक्त कार्य योजना (जेपीओए) कई कार्यक्रमों, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से हमारे अंतरिक्ष सहयोग को और विकसित करने के लिए एक ठोस रूपरेखा प्रदान करती है।