बेंगलुरु, जनता दल (सेक्युलर) सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने शनिवार को ‘इंडिया’ गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि इसने धर्मनिरपेक्षता का मजाक बना दिया है।
विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन पर परोक्ष हमला करते हुए देवेगौड़ा ने याद दिलाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान रेल मंत्री थीं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की पार्टी द्रमुक का छह साल तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठजोड़ था। देवेगौड़ा ने कहा कि करुणानिधि के एक दामाद तत्कालीन केंद्र सरकार में मंत्री थे।
टीएमसी और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन का हिस्सा हैं।
देवेगौड़ा ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम कई उदाहरण का जिक्र कर सकते हैं। इस देश में तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के बारे में अगर कोई बोलता है, तो लोग कहते हैं कि यह एक मजाक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से हाथ मिला लिया। कांग्रेस के एक सदस्य (महाराष्ट्र में) स्पीकर थे। मैं कई मामलों का हवाला दे सकता हूं और ये घटनाक्रम धर्मनिरपेक्षता के वास्तविक अर्थ के अनुरूप नहीं है।’’
कांग्रेस के इस आरोप पर कि जद(एस) ने सांप्रदायिक भाजपा के साथ हाथ मिलाया है, पूर्व प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि कांग्रेस आज कितने राज्यों में शासन कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पार्टी केवल हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में सत्ता में है।
देवेगौड़ा (90) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मोदी, वाजपेयी से अलग हैं। उन्होंने कहा कि वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा लोकसभा चुनावों में 180 से अधिक सीट को पार नहीं कर सकी थी, जबकि मोदी को 282 सीट (अकेले भाजपा को) मिली और राजग सहयोगियों के साथ, उनके पहले कार्यकाल में 350 से अधिक सीट थी। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि अब उनका लक्ष्य गठबंधन के साथ 400 सीट पार करने का है।
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व को न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी मान्यता मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘आज माहौल ऐसा है, चाहे भारत में हो या बाहर, ऐसा है कि उन्हें (मोदी को) पहचान मिल गई है। इन लोगों (विपक्षी दलों) का कोई दृष्टिकोण नहीं है और अप्रासंगिक बातें बोलते हैं। मैं उनके खिलाफ कठोर टिप्पणी नहीं करना चाहता।’’
देवेगौड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री पर विपक्षी दलों के हमलों को लोग गंभीरता से नहीं लेंगे। देवेगौड़ा ने विपक्षी दलों को यह एहसास करने की सलाह दी कि मोदी आज सबसे बड़े नेता हैं, जिसे लोगों को स्वीकार करना चाहिए।
कांग्रेस के इस आरोप पर कि पिछले 10 वर्षों में निरंकुशता रही है और कुछ ‘‘सांठगांठ वाले पूंजीपतियों’’ को लाभ हुआ है, न कि गरीबों और पात्र लोगों को, पूर्व प्रधानमंत्री ने आश्चर्य जताया कि आज कांग्रेस के पास कितनी ताकत है और वह कितनी सीट पर जीत की उम्मीद कर सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे संसद में दो कार्यकालों में (विपक्षी दल की) मान्यता प्राप्त करने में असमर्थ रहे। कांग्रेस पार्टी के बारे में बात करने का कोई फायदा नहीं है।’’
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक में भाजपा और जद(एस) के बीच सीट बंटवारे के फार्मूले पर देवेगौड़ा ने कहा कि उनकी पार्टी ने कोई शर्त नहीं रखी है।
ऐसी चर्चा है कि देवेगौड़ा के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी या उनके बेटे निखिल कुमारस्वामी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं, हालांकि जद(एस) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बारे में उनके पुत्र को निर्णय लेना है।
देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि कल क्या होने वाला है, वह (कुमारस्वामी) भी नेता हैं। उनका नेतृत्व निर्विवाद है। उन्हें निर्णय लेना है। वह प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हर मुद्दे पर चर्चा करेंगे और उपयुक्त सहमति बनाएंगे।’’