आम चुनाव में भाजपा को तृणमूल से एक सीट भी अधिक मिली तो ममता सरकार गिर जाएगी : मजूमदार

कोलकाता,  पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की संभावनाओं पर भरोसा जताते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि अगर भाजपा को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस से एक भी सीट अधिक मिलती है तो राज्य सरकार 2026 तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी।

मजूमदार ने दावा किया कि जिस तरह केंद्रीय इकाई के लिए राम मंदिर अहम वैचारिक मुद्दा है, उसी तरह प्रदेश भाजपा के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) महत्वपूर्ण वैचारिक मुद्दा है।

उन्होंने कहा कि सीएए का मुद्दा पार्टी को राज्य में चुनाव जीतने में मदद करेगा।

मजूमदार ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में दावा किया कि राज्य के लोगों ने लोकसभा चुनाव में ‘‘भ्रष्ट और अराजक’’ टीएमसी को हराने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने (आम चुनाव में) बंगाल से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। हम इसे लेकर आश्वस्त हैं। अगर हमें टीएमसी की तुलना में एक भी सीट अधिक मिलती है, तो ममता बनर्जी सरकार 2026 तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। यह सरकार गिर जाएगी।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल अप्रैल में राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था।

हालांकि, मजूमदार ने दावा किया कि टीएमसी की ‘‘वंशवाद की राजनीति’’ इसके ‘‘पतन’’ का कारण होगी।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार के पतन का कारण हम नहीं थे, बल्कि इसके लिए उद्धव ठाकरे का अपने बेटे के प्रति प्यार और राकांपा संस्थापक शरद पवार का अपनी बेटी के प्रति प्यार जिम्मेदार था। वंशवाद की राजनीति ही पतन का कारण बनी।’’

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के स्पष्ट संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में भी, भतीजे के लिए प्यार ही इसके (टीएमसी सरकार) पतन का कारण बनेगा। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को कुछ देने की कोशिश करते हैं जो इसके लायक नहीं है, तो सब कुछ गड़बड़ हो जाता है।’’

अभिषेक, ममता बनर्जी के भतीजे हैं।

पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के 74 विधायक हैं, जिनमें से सात टीएमसी खेमे में चले गए हैं, लेकिन उन्होंने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। टीएमसी के पास 217 विधायक हैं।

सीएए के मुद्दे पर बालुरघाट के सांसद ने कहा कि यह अधिनियम बांग्लादेश से सताए गए हिंदुओं के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है जो अब राज्य में रह रहे हैं क्योंकि ‘‘पश्चिम बंगाल सताए गए बंगाली हिंदुओं के लिए एकमात्र मातृभूमि है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सीएए बंगाल भाजपा के लिए राजनीतिक मुद्दे से ज्यादा एक वैचारिक मुद्दा है, ठीक उसी तरह जैसे पार्टी की केंद्रीय इकाई के लिए राम मंदिर एक वैचारिक मुद्दा है। प्रताड़ित हिंदू बंगाली शरणार्थियों का क्या होगा? अगर हम नागरिकता नहीं देंगे तो वे कहां जाएंगे।’’