जयपुर, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को कहा कि अंधाधुंध विकास में मानव मूल्यों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ‘विकसित भारत’ के अंतर्गत सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी संपन्नता के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
वह यहां आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान : द सोसियो—कल्चरल फ्लैगशिप आफ अमृतकाल-भारतवर्ष 2047’ विषयक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से संपन्न राज्य है। उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ की संकल्पना के अंतर्गत यहां की विपुल सांस्कृतिक संपदा, मानव संसाधन और विरासत को सहेजते हुए राष्ट्र विकास में सभी को अपनी प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए।
आधिकारिक बयान के अनुसार मिश्र ने राष्ट्र को सर्वोपरि रखने तथा सांस्कृतिक सद्भाव और समन्वय की भावनाओं को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से बहुत समृद्ध है परन्तु इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि पर्यटन विकास में सांस्कृतिक प्रदूषण नहीं फैले। उनका कहना था कि औद्योगिक विकास हो परन्तु इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि उससे पारिस्थितिकी संतुलन नहीं बिगड़े।
उन्होंने लोगों से विकास के साथ स्वत: आने वाली बुराइयों के प्रति सचेत रहते हुए ‘विकसित भारत’ के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
इससे पहले ‘इण्डिया फाउंडेशन’ के अध्यक्ष राम माधव ने विकसित भारत के लिए ज्ञान-विज्ञान, अनुसंधान, उद्यमिता, जल एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ देश की आवश्यकताओं के अनुरूप प्राथमिकताओं का निर्धारण कर आगे बढ़ने पर जोर दिया।