जमीनी स्थिति ‘ठीक नहीं’, मंडी से नहीं लड़ूंगी लोकसभा चुनाव: कांग्रेस नेता प्रतिभा सिंह

शिमला, कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई की प्रमुख एवं मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह ने बुधवार को घोषणा की कि उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है, क्योंकि जमीनी स्थिति ‘‘ठीक नहीं’’ है और पार्टी कार्यकर्ता निराश हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी एवं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने अपना नाम वापस ले लिया है और (पार्टी) आलाकमान को बता दिया है कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी और उस उम्मीदवार का पूरा समर्थन करूंगी जिसे पार्टी के केंद्रीय नेता उपयुक्त समझेंगे।’’

राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के सामने पिछले महीने तब संकट खड़ा हो गया था जब विधानसभा चुनाव में जीत के लगभग 14 महीने बाद इसके छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में राज्य से एकमात्र सीट के लिए हुए मतदान में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट डाला था।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी राज्यसभा चुनाव के एक दिन बाद यह दावा करते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की घोषणा की थी कि उन्हें अपमानित करने की कोशिश की गई है। इसके बाद केंद्रीय पार्टी नेतृत्व ने उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए मना लिया था।

प्रतिभा सिंह ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘मैंने राज्य के हर क्षेत्र का व्यापक दौरा किया है और पाया है कि कोई भी कार्यकर्ता सक्रिय नहीं है और ऐसी स्थिति में सफलता मिलना मुश्किल है…आप सिर्फ सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीएलएडी) योजना निधि बांटकर चुनाव नहीं जीत सकते।’’

उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ पहले लगाए गए आरोप को दोहराते हुए कहा कि यदि विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए कड़ी मेहनत करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां और महत्व दिया जाता, तो वे जमीनी स्तर पर सक्रिय होते और ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

प्रतिभा सिंह ने कहा, ‘‘कार्यकर्ता किसी भी संगठन की रीढ़ होते हैं और मैंने मीडिया के माध्यम से भी सरकार से बार-बार कहा था कि पार्टी कार्यकर्ताओं को उचित महत्व देना आवश्यक है।’’

उन्होंने कहा कि पार्टी तभी चुनाव लड़ने की स्थिति में होगी जब कार्यकर्ताओं को सम्मान मिलेगा।

कांग्रेस ने लगभग 14 महीने पहले राज्य में विधानसभा चुनाव जीता था।

कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने के बाद रिक्त हुई इन सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव का जिक्र करते हुए प्रतिभा सिंह ने कहा कि सरकार के अस्तित्व के लिए उपचुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं और यदि वह मंडी संसदीय क्षेत्र तक ही सीमित रहेंगी तो वह राज्य इकाई अध्यक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पाएंगी और पार्टी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगी।

कांग्रेस के छह विधायकों – राजिंदर राणा (सुजानपुर), इंदर दत्त लखनपाल (बड़सर), चैतन्य शर्मा (गगरेट), और देविंदर कुमार भुट्टो (कुटलैहड़), सुधीर शर्मा (धर्मशाला) और रवि ठाकुर (लाहौल और स्पीति) को कटौती प्रस्तावों और बजट के दौरान विधानसभा में उपस्थित रहने और सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए पार्टी व्हिप की अवहेलना करने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

प्रतिभा सिंह ने कहा, ‘‘हमें कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करना होगा। हम कार्यकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने और उन्हें पार्टी के हित में काम करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं।”