गूगल प्ले स्टोर से कुछ भारतीय स्टार्टअप के ऐप हटाने पर सरकार का कड़ा रुख

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नयी दिल्ली, गूगल के अपने प्ले स्टोर से कुछ ऐप हटाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार ने शनिवार को कहा कि भारतीय ऐप को हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

सरकार ने इस संबंध में गूगल और संबंधित स्टार्टअप को बैठक के लिए अगले सप्ताह बुलाया है।

आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की कुंजी है और उनके भाग्य का फैसला किसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी पर नहीं छोड़ा जा सकता है।

मंत्री की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है, क्योंकि गूगल ने शुक्रवार को सेवा शुल्क भुगतान पर विवाद को लेकर भारत में अपने प्ले स्टोर से एक लोकप्रिय ‘मैट्रिमोनी’ ऐप सहित कुछ ऐप को हटाना शुरू कर दिया था। इन ऐप और जानेमाने स्टार्टअप संस्थापकों ने इस पर आपत्ति जताई थी।

वैष्णव ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा, ‘भारत सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है… हमारे स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी, जिसकी उन्हें जरूरत है।’

मंत्री ने कहा कि सरकार विवाद सुलझाने के लिए अगले सप्ताह गूगल और प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप के डेवलपर से मुलाकात करेगी।

वैष्णव ने कहा, ‘मैंने पहले ही गूगल से बात की है… मैंने उन ऐप डेवलपर से भी बात की है, जिन्हें हटाया गया है। हम उनसे अगले हफ्ते मिलेंगे… इस तरह (ऐप को) हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’

उन्होंने कहा कि भारत ने 10 वर्षों में एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न का एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है।

मंत्री ने कहा, ‘युवाओं और उद्यमियों की ऊर्जा को सही दिशा देनी चाहिए और इसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी की नीतियों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।’

इससे पहले गूगल ने शुक्रवार को कहा था कि कई जानी-मानी फर्मों सहित कई कंपनियां उसके ‘बिलिंग’ मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं। ये कंपनियां बिक्री पर लागू प्ले स्टोर सेवा शुल्क का भुगतान नहीं कर रही हैं।

गूगल ने चेतावनी दी थी कि वह गूगल प्ले पर ऐसे गैर-अनुपालन वाले ऐप को हटाने में संकोच नहीं करेगी।

इसके बाद शुक्रवार को ही शादी डॉट कॉम, मैट्रिमोनी डॉट कॉम, भारत मैट्रिमोनी, बालाजी टेलीफिल्म्स का ऑल्ट (पूर्व में ऑल्ट बालाजी), ऑडियो मंच कुकू एफएम, डेटिंग सेवा क्वैक क्वैक और ट्रूली मैडली के ऐप प्ले स्टोर पर सर्च करने पर नहीं मिले। इंफो एज ने बताया कि उसके ऐप भी प्ले स्टोर से हटा दिए गए हैं।

इस संबंध में आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि वह प्रतिस्पर्धा और स्टार्टअप को दबाने वाले गूगल के प्रभुत्व के बारे में चिंताओं को जाहिर करते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को यह पता लगाना होगा कि क्या मौजूदा मुद्दा प्रभुत्व की स्थिति के दुरुपयोग से जुड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘मैंने अतीत में गूगल के प्रभुत्व पर चिंता जताई है। यह भारत में 90 प्रतिशत से अधिक ऐप पारिस्थितिकी तंत्र को नियंत्रित करता है। हमें चिंता है कि उनका प्रभुत्व प्रतिस्पर्धा और स्टार्टअप को रोकता है। स्टार्टअप के खिलाफ इसका दुरुपयोग किया जा सकता है और सरकार की कुछ वैध चिंताएं हैं।’

गूगल ने कहा कि इन डेवलपर को तैयारी के लिए तीन साल से अधिक का समय दिया गया। इसमें उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिया गया तीन सप्ताह का समय भी शामिल है। गूगल ने कहा कि इसके बाद अब वह यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है, कि उसकी नीतियां सभी पर समान रूप से लागू हों।