मुंबई, छह मार्च (भाषा) रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे पात्र ग्राहकों को क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी करते समय कई कार्ड नेटवर्क में से एक को चुनने का विकल्प मुहैया कराएं।
केंद्रीय बैंक ने क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं से यह भी कहा है कि वे कार्ड नेटवर्क के साथ कोई भी ऐसा समझौता या व्यवस्था न करें जो ग्राहकों को दूसरे नेटवर्क की सेवाएं लेने से रोकता हो।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक परिपत्र में कहा, “समीक्षा करने पर यह पाया गया कि कार्ड नेटवर्क और कार्ड जारीकर्ताओं के बीच मौजूद कुछ व्यवस्थाएं ग्राहकों के लिए विकल्प उपलब्ध कराने के लिहाज से अनुकूल नहीं हैं।”
केंद्रीय बैंक ने कहा, “ऐसी स्थिति में यह निर्देश दिया जाता है कि कार्ड जारीकर्ता कार्ड नेटवर्क के साथ ऐसी कोई व्यवस्था या समझौता नहीं करेंगे जो ग्राहकों को अन्य कार्ड नेटवर्क की सेवाओं का लाभ उठाने से रोकता हो।”
आरबीआई ने कहा कि मौजूदा कार्डधारकों के लिए यह विकल्प कार्ड का अगला नवीनीकरण कराते समय दिया जा सकता है।
कार्ड नेटवर्क के रूप में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प, डायनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड, मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया- रुपे और वीजा वर्ल्डवाइड पीटीई लिमिटेड सूचीबद्ध हैं।
परिपत्र के मुताबिक, कार्ड जारीकर्ताओं और नेटवर्क को संशोधन या नवीनीकरण के समय और नए समझौते निष्पादित करते समय मौजूदा समझौतों में आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
हालांकि यह निर्देश उन क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं पर लागू नहीं होगा जिनके द्वारा जारी सक्रिय कार्डों की संख्या 10 लाख या उससे कम है।
इसके अलावा खुद के अधिकृत कार्ड नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले संस्थानों को इस परिपत्र के निर्देशों से बाहर रखा गया है।
इसके मुताबिक, पात्र ग्राहकों को कई कार्ड नेटवर्क में से चुनने का विकल्प देने के निर्देश परिपत्र जारी होने की तारीख से छह महीने तक प्रभावी होंगे।