चेन्नई, मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से निष्कासित नेता ओ पनीरसेल्वम के पार्टी के आधिकारिक लेटरहेड, आरक्षित चिह्न “दो पत्तियां” और पार्टी के झंडे का उपयोग करने पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति एन सतीशकुमार ने अन्नाद्रमुक महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री ई. के. पलानीस्वामी द्वारा दायर एक वाद और आवेदन पर यह आदेश पारित किया।
मूल रूप से पलानीस्वामी द्वारा दायर एक वाद पर, न्यायमूर्ति सतीशकुमार ने 7 नवंबर, 2023 को एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें पनीरसेल्वम को पार्टी लेटरहेड, चिह्न और ध्वज का उपयोग करने से रोक दिया गया था। इसके खिलाफ पनीरसेल्वम ने अपील दायर की थी।
न्यायमूर्ति आर महादेवन और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने 11 जनवरी, 2024 को पनीरसेल्वम द्वारा दायर तीन अपीलों को खारिज कर दिया था। हालांकि पीठ ने निष्कासित नेता को अपने खिलाफ पारित आदेश यदि कोई हो, को रद्द करने के लिए आवश्यक आवेदन दायर करके एकल न्यायाधीश से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी थी।
पीठ ने कहा था कि इस तरह के आवेदन दाखिल करने पर न्यायाधीश उसके गुणदोष के आधार पर और कानून के अनुसार उचित आदेश पारित करेंगे। तदनुसार, पनीरसेल्वम ने एकल न्यायाधीश से संपर्क किया था।
दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति सतीशकुमार ने पलानीस्वामी द्वारा दायर मुकदमे से उत्पन्न आवेदनों पर सुनवायी की और वर्तमान आदेश पारित किया।
शीर्ष दो नेताओं के बीच सत्ता संघर्ष में पन्नीरसेल्वम को जुलाई 2022 में अन्नाद्रमुक की एक आम सभा द्वारा निष्कासित कर दिया गया था। बाद में पलानीस्वामी को मुख्य विपक्षी दल के शीर्ष नेता के रूप में चुना गया था।