नयी दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से इस वर्ष राष्ट्रीय राजधानी में तीन लाख पौधे लगाने के प्रस्ताव का विवरण प्रस्तुत करने को कहा।
पौधारोपण संबंधी एक मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने विभाग से शपथपत्र दायर कर अगले दो महीने की अपनी कार्ययोजना के बारे में बताने को कहा।
पीडब्ल्यूडी ने कहा कि उपयुक्त स्थलों की पहचान करने के बाद झाड़ियों और पेड़ों सहित तीन लाख पौधों को रोपा जाएगा। इसमें कहा गया कि पौधारोपण और रखरखाव के लिए ठेके दिए जाएंगे और उसने इस उद्देश्य के लिए दो महीने का समय मांगा।
अदालत ने कहा, ‘‘दिल्ली में झाड़ियों से क्या लाभ होगा? आप हर फ्लाईओवर पर ‘हैंगिंग गार्डन’ बना सकते हैं (लेकिन) इससे दिल्ली को कैसे फायदा होगा।’’
अदालत ने कहा, ‘‘पीडब्ल्यूडी एक हलफनामा दायर करे, जिसमें दिल्ली में लगाए जाने वाले पेड़ों की संख्या और उठाए जाने वाले कदमों, दो महीने में किए गए पौधारोपण की जानकारी और नवीनतम तस्वीरें उपलब्ध कराई जाएं।’’
अदालत ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से वैकल्पिक वन के लिए जमीन की उपलब्धता के बारे में भी सूचित करने को कहा।
उसने इस बात पर भी जोर दिया कि प्राधिकरण को पूर्व में लगाए गए पौधों को सूखने से बचाने की दिशा में काम करना होगा।
विभाग के वकील ने कहा कि सड़क किनारे किए गए पौधारोपण में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि यातायात से होने वाली क्षति और स्थानीय समुदाय से समर्थन की कमी।
इस पर न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, ‘‘नगरपालिका का काम यही है। वहां गायें होंगी, कुत्ते होंगे। आपको इसकी (पौधारोपण की) रक्षा करनी होगी। ऐसे दुकानदार होंगे] जो इसे उखाड़ देंगे।’’