नयी दिल्ली,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अनंत कुमार हेगड़े के बयान को लेकर सोमवार को कहा कि यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के एजेंडे के अनुसार संविधान में संशोधन किया जाता है तो ‘‘यह संसदीय लोकतंत्र, संघवाद, अल्पसंख्यकों के अधिकारों और अंग्रेजी भाषा का अंत होगा’’।
उन्होंने दावा किया कि संविधान में संशोधन करने की भाजपा की मंशा कभी छिपी नहीं रही।
भाजपा सांसद हेगड़े ने रविवार को कहा था कि संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को हटाने के लिए भाजपा संविधान में संशोधन करेगी।
उन्होंने लोगों से लोकसभा में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत देने का आह्वान किया था ताकि देश के संविधान में संशोधन किया जा सके।
भाजपा ने हेगड़े के बयान को उनका निजी विचार करार दिया है।
पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “संविधान में संशोधन करने की भाजपा की मंशा कभी छिपी नहीं रही। निजी बातचीत में भाजपा के कई नेताओं ने कहा है कि भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ होना चाहिए, हिंदी भारत की एकमात्र आधिकारिक भाषा होनी चाहिए और केंद्र सरकार को मजबूत होना चाहिए एवं राज्य सरकारों पर हावी होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “कभी-कभी सांसद अनंत कुमार हेगड़े जैसे सदस्य बातें खुलकर बोल देते हैं और तुरंत अपनी बात से इनकार कर देते हैं। यह एक पुरानी चाल है।” चिदंबरम ने दावा किया, “उद्देश्य पूरा हो गया है और आरएसएस/भाजपा कार्यकर्ता इस बात से उत्साहित हैं कि भाजपा संविधान में संशोधन के विचार को आगे बढ़ा रही है।” उन्होंने कहा कि यदि आरएसएस/भाजपा के एजेंडे के अनुसार संविधान में संशोधन किया जाता है तो यह ‘‘संसदीय लोकतंत्र, संघवाद, अल्पसंख्यकों के अधिकारों और दो आधिकारिक भाषाओं में से एक अंग्रेजी भाषा का अंत होगा’’।