लोस चुनाव : केरल में सीटों का ‘सूखा’ खत्म करने के प्रयास तेज कर रही है भाजपा
Focus News 10 March 2024तिरुवनंतपुरम, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी लोकसभा चुनावों में केरल में अपने लिए सीटों के ‘सूखे’ को खत्म करने के प्रयास तेज कर रही है।
जनता खासतौर से अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय तक पहुंच बनाने के समन्वित प्रयासों के साथ पार्टी का उद्देश्य इस दक्षिणी राज्य में पैर जमाना है।
हिंदू समर्थक माने जाने वाली भाजपा के लिए केरल का जनसांख्यिकी परिदृश्य एक कठिन चुनौती पेश करता है। राज्य की आबादी में मुस्लिम और ईसाई वर्ग की तादाद अच्छी-खासी है। बहरहाल, पार्टी मतदाताओं के विविध वर्ग को लुभाने की कोशिश में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है।
भाजपा ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रमुख ईसाई नेता व कांग्रेस के दिग्गज नेता ए के एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी और केरल के अनुभवी नेता पी सी जॉर्ज को अपने पाले में शामिल किया है।
इसके अलावा, पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केरल के लगातार दौरों का फायदा उठाने का प्रयास कर रही है और राज्य की जरूरतों के अनुरूप विकास के एजेंडे पर जोर दे रही है।
भाजपा ने अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी के साथ ही दो केंद्रीय मंत्रियों राजीव चंद्रशेखर और वी. मुरलीधरन को मैदान में उतारा है।
पार्टी के चुनाव प्रचार का नारा ‘मोदी की गारंटी’, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और नेतृत्व पर उसकी निर्भरता को दिखाता है।
पार्टी के नेताओं ने बताया कि ‘मोदी की गारंटी’ इस बार केरल में भाजपा के चुनावी अभियान का मुख्य नारा होगा।
भाजपा को विश्वास है कि उसकी रणनीति रंग लाएगी जबकि राज्य की राजनीति में दो प्रमुख दलों – कांग्रेस नीत यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नीत एलडीएफ (वाम लोकतांत्रिक मोर्चा) का मानना है कि इससे भाजपा को एक भी सीट हासिल करने में मदद नहीं मिलेगी।
वाम मोर्चा और कांग्रेस की आलोचना को खारिज करते हुए भाजपा के प्रदेश महासचिव जॉर्ज कुरियन ने कहा कि केरल के लोगों को अब उनमें से किसी पर भरोसा नहीं है इसलिए वे भाजपा के लिए वोट करेंगे।
कुरियन ने कहा कि राज्य में जगह बनाने और दोहरे अंक में सीट हासिल करने की पार्टी की इच्छा को पूरी करने के लिए भाजपा ने ऐसे उम्मीदवारों को उतारा है जो इसके लिए सबसे उपयुक्त और ‘‘फिट’’ हैं।
गोपी, मुरलीधरन और चंद्रशेखर क्रमश: त्रिशूर, अतिंगल और तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे जबकि अनिल एंटनी को पत्तनमतिट्टा से उम्मीदवार बनाया गया है।
गोपी को त्रिशूर से खड़ा करने के बारे में बताते हुए कुरियन ने कहा कि उन्होंने पिछली बार इस निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी का मत प्रतिशत तीन गुना किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, अतिंगल और तिरुवनंतपुरम में भी हमने पार्टी के मत प्रतिशत में वृद्धि देखी है।’’
भाजपा की तैयारियों को ‘‘नौटंकी’’ करार देते हुए कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान ने दावा किया कि यह भाजपा की ‘‘राजनीतिक रूप से लड़ाई लड़ने में विश्वास की कमी’’ को दिखाता है क्योंकि उन्हें अहसास हो गया है कि उन्हें अपनी विचारधारा के कारण केरल में कोई राजनीतिक आधार नहीं मिलने जा रहा है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इसलिए वे अभिनेताओं या दूसरे दलों के नेताओं के पीछे भाग रहे हैं। लेकिन वे पूरी तरह गलत हैं क्योंकि केरल एक राजनीतिक राज्य है और इसलिए लोग ऐसी नौटंकी को स्वीकार नहीं करेंगे।’’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाजपा) के नेता पी पी सुनीर ने भी कुझालनदान के विचारों से सहमति जताते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में चुनावी बढ़त हासिल करने की भाजपा की योजनाएं विफल हो जाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी रणनीति के केरल में सफल होने की कोई संभावना नहीं है। यह उत्तर भारत में काम आ सकती है लेकिन यहां नहीं।’’