भंडारी का पार्टी छोड़ना ‘‘अवसरवादी राजनीति’’ का सबसे खराब उदाहरण : माहरा

देहरादून, कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के प्रमुख करन माहरा ने बद्रीनाथ से पार्टी विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने को सोमवार को ‘‘अवसरवादी राजनीति’’ का सबसे खराब उदाहरण बताया और कहा कि यह दलबदल ‘‘ऑपरेशन कमल’’ के तहत किया गया।

भंडारी ने हाल में उत्तराखंड में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हर नेता को ‘‘गद्दार’’ करार दिया और कहा कि वे ‘‘डर या लोभ’’ के कारण भाजपा में शामिल हो गए।

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए भंडारी रविवार को भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने के बाद भंडारी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व से प्रभावित थे जिसने उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

भंडारी के इस कदम पर माहरा ने कहा, ‘‘वे इस उम्मीद से भाजपा में गए हैं कि भगवा पार्टी की वॉशिंग मशीन में उनके दोष साफ हो जाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी के कई अन्य लोग भी भाजपा में चले गए हैं। वे सभी गद्दार हैं जिन्होंने डर या लोभ के कारण पार्टी छोड़ दी है। उन्हें लगता है कि भाजपा की वॉशिंग मशीन उनके दोषों को साफ कर देगी। भंडारी की पत्नी के खिलाफ सतर्कता जांच चल रही है।’’

उन्होंने कहा कि इन्हीं कारणों से भंडारी को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होना पड़ा।