नयी दिल्ली, भारतीय सेना ने एक विशिष्ट इकाई बनाई है जो क्षेत्र की बदलती प्रकृति को देखते हुए सैन्य उपयोग के लिए 6जी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी भविष्य की संचार प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान और मूल्यांकन करेगी।
अधिकारियों ने कहा कि ‘सिग्नल टेक्नोलॉजी इवेल्यूएशन एंड एडाप्टेशन ग्रुप’ (एसटीईएजी) को तार और बेतार प्रणाली के संपूर्ण विस्तार में प्रौद्योगिकियों का पोषित करने का काम सौंपा गया है।
उन्होंने कहा कि एसटीईएजी की स्थापना भविष्य के युद्धक्षेत्र को ध्यान में रखते हुए प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के सेना के प्रयासों का हिस्सा है।
अधिकारियों में से एक ने कहा, “यह विशिष्ट प्रौद्योगिकी का उपयोग करने, अत्याधुनिक समाधानों का लाभ उठाने और शिक्षा जगत व उद्योग के साथ सहयोग को बढ़ावा देकर रक्षा अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त मामलों की पहचान करने की क्षमता से लैस अपनी तरह का पहला संगठन होगा।”
उन्होंने कहा कि विशिष्ट इकाई इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज, मोबाइल संचार, सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, 5जी और 6जी नेटवर्क, क्वांटम टेक्नोलॉजीज, एआई, मशीन लर्निंग आदि सहित सभी आगामी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगी।