शिमला, हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को कहा कि राजनीति में सभी दरवाजे खुले हैं।
उन्होंने दल-बदल रोधी कानून के तहत विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराए गए राज्य के छह बागी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात करने के कुछ दिन बाद यह बात कही।
कांग्रेस के छह बागियों ने पिछले हफ्ते राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था, जिसके चलते कांग्रेस के उम्मीदवार की हार हुई थी।
इससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने राज्य के बजट पर मतदान के लिए पार्टी व्हिप का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए इन छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
बागियों के पार्टी में लौटने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “राजनीति में सब कुछ संभव है और सभी दरवाजे खुले हैं।”
सिंह ने हाल ही में पंचकुला में छह बागी विधायकों के साथ बातचीत के बाद नयी दिल्ली में प्रियंका गांधी वाद्रा समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की थी।
उन्होंने यहां कहा, “मुझे आधिकारिक तौर पर बागियों से मिलने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और मैंने अपना कर्तव्य निभाया है।”
सिंह ने कहा, “मौजूदा स्थिति से कांग्रेस आलाकमान को अवगत कराना मेरा नैतिक कर्तव्य था, जिसे मैंने पूरा कर दिया है और अब गेंद उनके पाले में है…।”
उन्होंने कहा, “मैंने कांग्रेस के बागियों के विचारों से आलाकमान को और आलाकमान के विचारों से बागियों को अवगत करा दिया है।”
हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा ने पिछले हफ्ते राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट जीत ली थी। भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन केवल 25 विधायकों के समर्थन के साथ अल्पमत में थे। हालांकि कांग्रेस के 40 विधायकों में से छह और तीन निर्दलीय विधायकों ने महाजन के पक्ष में मतदान कर उन्हें विजेता बना दिया था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा था।