कोलकाता पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस सोमवार को सुबह केरल से कोलकाता पहुंचे और सीधे नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली के लिए रवाना हो गए, जहां स्थानीय महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं द्वारा कथित उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
राज्यपाल ने पहले ही राज्य सरकार से संदेशखाली की स्थिति पर एक व्यापक रिपोर्ट मांगी है।
बोस ने हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद कहा “जब मैंने संदेशखाली की चौंकाने वाली घटनाओं के बारे में सुना तो मैंने केरल की अपनी यात्रा संक्षिप्त कर दी। मैं संदेशखाली जा रहा हूं और खुद देखना चाहता हूं कि संदेशखाली की गलियों से वास्तविक संदेश क्या है।”
बोस आज सुबह संदेशखाली का दौरा करने के लिए राज्य लौट आए। वह ‘बंगाल महोत्सव’ में शामिल होने के लिए दक्षिणी राज्य केरल गए थे।
एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शीर्ष अधिकारियों और केंद्र के मुख्य सतर्कता आयुक्त के साथ विचार विमर्श भी किया।
राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने इस बात पर संदेह जताया कि राज्यपाल को स्थिति की समीक्षा करने के लिए अशांत संदेशखाली में जाने की ‘‘अनुमति’’ दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल को संदेशखाली जाते समय शायद काले झंडे दिखाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके पार्टी सहयोगी भी वहां जाने वाले हैं और उन्हें नाकेबंदी का सामना करना होगा।
घोष ने कहा ‘‘वह (राज्यपाल) एक संवेदनशील व्यक्ति हैं और जानते हैं कि लोग वहां प्रताड़ित किए जा रहे हैं। मुझे डर है कि कहीं उन्हें काले झंडे न दिखाए जाएं। उनके पूर्ववर्ती जगदीप धनखड़ के साथ ऐसी घटनाएं हुई थीं।’’
संदेशखाली में महिलाओं ने पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि स्थानीय टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके ‘‘गिरोह’’ ने उनका यौन उत्पीड़न किया तथा उनकी जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया है।
उन्होंने शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग की। शाहजहां के घर पर जब कथित राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का एक दल छापा मारने गया था, तो भीड़ ने दल पर हमला कर दिया था। शाहजहां पिछले महीने से फरार है।