देश सफलताओं के नये प्रतिमान गढ़ेगा, यह मोदी की गारंटी है : नरेन्‍द्र मोदी

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वाराणसी (उप्र), प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार को काशी के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि देश अगले पांच सालों में सफलताओं के नये प्रतिमान गढ़ेगा, यह ‘‘मोदी की गारंटी’’ है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को यहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्वतंत्रता भवन में सांसद ज्ञान प्रतियोगिता, सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता और सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से संवाद किया और विजेताओं को पुरस्कृत किया।

इसके बाद समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्‍ठा का जिक्र करते हुए कहा कि ‘आज दुनिया यह देख रही है रामलला के अपने नये भव्‍य मंदिर के विराजने के बाद अब अयोध्या भी इसी (काशी) तरह निखर रही है। देश में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों पर सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मिला है।’

विकास की परियोजनाओं को गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘अगले पांच वर्षों में देश इसी आत्‍मविश्‍वास से विकास का मॉडल बनेगा। देश सफलताओं के नये प्रतिमान गढ़ेगा और ये मोदी की गारंटी है।’

उन्‍होंने तालियों की गूंज के बीच अपनी बात पर जोर देते हुए कहा ‘आप भी जानते हैं कि मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरा होने की गारंटी।’

काशी का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘हर प्रांत, हर भाषा, हर बोली, हर रिवाज के लोग काशी आकर बसे हैं। जिस एक स्थान पर ऐसी विविधता होती है, वहीं नये विचारों का जन्‍म होता है। जहां नये विचार पनपते हैं, वहीं से प्रगति की संभावनाएं पनपती हैं।’

मोदी ने कहा, ‘इसलिए विश्‍वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर मैंने कहा था विश्‍वनाथ धाम भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, भारत को एक उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की ओर ले जाएगा। आज यह दिख रहा है कि नहीं दिख रहा है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अपने भव्य रूप में विश्‍वनाथ धाम भारत को निर्णायक भविष्य की ओर ले जाने के लिए फिर राष्‍ट्रीय भूमिका में लौट रहा है। विश्‍वनाथ धाम परिसर में आज देश भर के विद्वानों की विद्धत संगोष्‍ठी हो रही है। विश्वनाथ मंदिर न्यास शास्त्रार्थ की परंपरा को पुनजीर्वित कर रहा है। काशी में शास्‍त्रीय सुरों के साथ साथ संवाद भी गूंज रहे थे, इससे नये विचारों का सृजन भी होगा।’

ओम नम: पार्वतये पत: के नारों से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मोदी ने भोजपुरी में ‘आप सब परिवार के लोगन के हमार प्रणाम’ संबोधित किया।

उन्‍होंने कहा, ‘महामना के इस प्रांगण में आप सब विद्वानों और विशेषकर युवा विद्वानों के बीच आकर ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने जैसा अनुभव हो रहा है।’

मोदी ने कहा, ‘जो काशी कालातीत है, जो काशी वैसे भी प्राचीन कही जाती है जिसकी पहचान को हमारी आधुनिक पीढ़ी इतनी जिम्मेदारी से सशक्‍त कर रही है, यह दृश्य हृदय में संतोष भी देता है, गौरव की अनुभूति भी कराता है और यह विश्‍वास भी दिलाता है कि अमृत काल में आप सभी युवा देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।’

उन्‍होंने कहा, ‘काशी तो सर्वविद्या की राजधानी है। आज काशी का वो सामर्थ्‍य, वो स्वरूप फिर से संवर रहा है, ये पूरे भारत के लिए गौरव की बात है।’

प्रतियोगिता के विजेताओं को बधाई देने के साथ ही मोदी ने कहा कि जो युवा सफलता से कुछ कदम दूर रह गये मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं।



काशी के विकास का श्रेय महादेव (भगवान शिव) को देते हुए मोदी ने भोजपुरी मिश्रित हिंदी में कहा, ‘हम सब तो निमित्त मात्र हैं। काशी में करने वाले तो केवल महादेव व उनके गण हैं, जहां महादेव क कृपा हो जाला, उ धरती वइसे ही समृद्ध हो जाले।’

उन्‍होंने कहा, ‘इस समय महादेव खूब प्रसन्न हैं, अति आनंदमय हैं, इसलिए महादेव के आशीष के साथ काशी ने 10 वर्षों में चारों ओर विकास का डमरू बजा है।’

मोदी ने कहा, ‘काशी केवल हमारी आस्था का तीर्थ नहीं है, यह भारत की शाश्‍वत चेतना का जाग्रत केन्‍द्र है।’

उन्‍होंने कहा, ‘काशी जैसे हमारे तीर्थ और विश्‍वनाथ धाम जैसे मंदिर ही राष्ट्र की प्रगति की यज्ञशाला हुआ करती थी। यहां साधना भी होती थी, शास्त्रार्थ भी होते थे। यहां संवाद भी होता था, शोध भी होता था।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जहां संस्‍कृति के स्रोत थे, साहित्‍य संगीत की सरिताएं थीं। इसलिए आप देखिए भारत ने जितने नये विचार दिए, नये विज्ञान दिए उनका संबंध किसी न किसी सांस्‍कृतिक केन्‍द्र से है। काशी शिव की नगरी भी है, यह बुद्ध के उपदेशों की भी भूमि है।’

मोदी ने कहा, ‘काशी जैन तीर्थंकरों की जन्मस्थली भी है और आदि शंकराचार्य को यहां से बोध मिला है।’

मोदी ने काशी के लोगों को फोटो प्रतियोगिता की तस्‍वीरों को वोटिंग के आधार पर 10 अच्छे फोटो चयनित कर उन्हें पोस्टकार्ड के रूप में छापकर पर्यटकों को देने और युवाओं को पर्यटकों को काशी की महत्‍ता बताने के लिए प्रतियोगिता के आधार पर गाडड बनाने की सलाह दी।

उन्‍होंने कहा, ‘मुझे तो यहां जन जन को संवारना है, हर मन को संवारना है, और एक सेवक बनकर संवारना है, एक साथी बनकर संवारना है, उंगली पकड़ कर चलते चलना है, लक्ष्‍य को पाना है।’ यहां पहुंचने पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उनका स्वागत किया।

प्रधानमंत्री ने बीएययू परिसर में लगायी गयी चित्र प्रदर्शनी भी देखी।

तीन चरणों में हुई काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता में दो लाख से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था। पांच आयु वर्ग में यह प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसके विजेता प्रतिभागियों टीम वन के ओम सिंह, नैतिक मौर्या और शुभम मौर्य को प्रधानमंत्री ने पुरस्कृत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरी टीम के विजेता प्रतिभागी अनन्‍य जायसवाल, यश साहू और अदिति सिंह, तीसरी टीम के दिव्‍यांशु, सांकृत्य सानिध्य व श्रीकीर्ति मिश्रा, चौथी टीम के विजेता प्रदीप कुमार बिंद, श्‍याम यादव व प्रतिमा वर्मा तथा पांचवीं टीम के प्रतिभागी वेद प्रकाश मौर्य, हर्ष कुमार शर्मा व प्रियांशु पांडेय को भी पुरस्कृत किया।

दो चरणों में काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता के छह हजार प्रतिभागियों में मोदी ने विजेता अंश खत्री, मार्जित भास्कर गुप्ता व शरद के नागर को पुरस्कृत किया।

काशी सांसद संस्कृत प्रतियोगिता की विजेता स्वस्ति द्विवेदी, नवरत्न और डीकेएस श्रीकांत राव को भी मोदी ने पुरस्कार प्रदान किया। उन्‍होंने सांकेतिक रूप से कुछ छात्रों को छात्रवृत्ति, पुस्‍तकें और पोशाक भी वितरित की। इसके साथ ही सभी प्रतिभागियों से मोदी ने संवाद भी किया।

प्रधानमंत्री ने विभिन्न प्रतियोगिता पर केन्द्रित काफी टेबल बुक का लोकार्पण भी किया।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अंगवस्त्र देकर वाराणसी संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। योगी ने उन्हें जयघोष का प्रतीक स्‍मृति चिह्न ‘शंख पुष्प’ भेंट दिया। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्‍यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी भी मौजूद थे।

योगी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री को दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता बताते हुए कहा, ‘‘आज मैं उनका उन्हीं की काशी में हृदय से स्वागत और अभिनंदन करता हूं’’।

अधिकारियों ने बताया कि मोदी बृहस्पतिवार रात को यहां अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे थे और आज उनका कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करने का कार्यक्रम है।