अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने चीन-तिब्बत विवाद विधेयक को मंजूरी दी

वाशिंगटन,  अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने एक विधेयक को मंजूरी दी है, जिससे काफी समय से लंबित तिब्बत-चीन विवाद को तिब्बती नेताओं के साथ वार्ता के जरिए सुलझाने को लेकर चीन सरकार पर दबाव बनाने के अमेरिका के प्रयासों को बल मिलेगा।

‘तिब्बत-चीन विवाद अधिनियम के समाधान पर जोर’ अधिनियम का उद्देश्य दलाई लामा के दूतों या तिब्बती लोगों के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेताओं के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए चीनी सरकार पर दबाव डालना है, जो 2010 से रुकी हुई है। इसे तिब्बत समाधान अधिनियम नाम भी दिया गया है।

सांसदों जिम मैकगवर्न और माइकल मैककॉल द्वारा प्रस्तुत विधेयक में चीन के इस दावे को गलत बताया गया है कि तिब्बत प्राचीन काल से चीन का हिस्सा रहा है। यह विधेयक विदेश मंत्रालय को तिब्बती इतिहास, लोगों और संस्थानों के बारे में चीन के दुष्प्रचार का सक्रिय रूप से मुकाबला करने का अधिकार देता है। इसी तरह का एक विधेयक सांसद जेफ मर्कले और टॉड यंग ने पेश किया था।

मैकगवर्न ने कहा, “यह विधेयक तिब्बती लोगों के अधिकारों को मान्यता देने से संबंधित है। इसमें तिब्बत तथा पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच विवाद को बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत के माध्यम से, अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार शांतिपूर्ण ढंग से हल करने पर जोर दिया गया है। ऐसा करने का अवसर अब भी है, लेकिन समय ख़त्म होता जा रहा है।’