नयी दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सोमवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) के खिलाफ की गयी कार्रवाई की किसी भी समीक्षा से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पीपीबीएल के कामकाज के व्यापक मूल्यांकन और ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
आरबीआई ने 31 जनवरी पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टटैग और अन्य उत्पादों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करना बंद करने का निर्देश दिया।
दास ने यहां आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 606वीं बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस समय मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि पीपीबीएल मामले में फैसले की कोई समीक्षा नहीं होगी। यदि आप निर्णय की समीक्षा की उम्मीद कर रहे हैं, तो मैं यह साफ कर दूं कि इसकी कोई समीक्षा नहीं होगी।’’
केंद्रीय निदेशक मंडल की इस बैठक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संबोधित किया।
गवर्नर ने कहा कि आरबीआई के नियमन के दायरे में आने वाले वित्तीय संस्थानों के खिलाफ कोई भी निर्णय व्यापक मूल्यांकन के बाद ही किया जाता है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई वित्त-प्रौद्योगिकी क्षेत्र का समर्थन करता रहा है, लेकिन इसके साथ वह ग्राहकों के हितों की रक्षा और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय बैंक इसी सप्ताह पेटीएम मामले पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए एफएक्यू (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) जारी करेगा।
रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल के खिलाफ यह कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में लगातार विफल रहने पर की है। इसके पहले उसने 11 मार्च, 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था।
केंद्रीय बैंक ने इस कार्रवाई में पेटीएम पेमेंट्स बैंक से 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उत्पादों, वॉलेट, फास्टैग और एनसीएमसी (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) कार्ड आदि में जमा या टॉप-अप स्वीकार नहीं करने को कहा है।
हालांकि, आरबीआई ने 29 फरवरी के बाद भी ब्याज जमा करने, कैशबैक या ‘रिफंड’ की अनुमति दी है।
इसके अलावा बचत बैंक खाते, चालू खाते, प्रीपेड उत्पाद, फास्टैग और एनसीएमसी सहित पीपीबीएल ग्राहकों के अपने खातों से शेष राशि की निकासी या उपयोग की अनुमति उनके उपलब्ध शेष राशि तक बिना किसी प्रतिबंध के कायम रहेगी।
आरबीआई ने पेटीएम ब्रांड की संचालक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के ‘नोडल खातों’ को समाप्त करने का भी निर्देश दिया है। पीपीबीएल में इसकी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पेटीएम इसे कंपनी की सहयोगी के रूप में वर्गीकृत करता है, न कि अनुषंगी कंपनी के रूप में।