पटना, जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष नीतीश कुमार के एक बार फिर पाला बदलने के कारण बिहार में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेगी।
बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की शुरूआत सोमवार को द्विसदनीय विधायिका के सदस्यों को राज्यपाल के पारंपरिक संबोधन के साथ शुरू होगी जिसके बाद विधानसभा विश्वास मत से पहले अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
विपक्षी दलों के ‘महागठबंधन’ के सबसे बड़े घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जुड़े चौधरी ने स्पष्ट कर दिया है कि नयी सरकार के गठन के तुरंत बाद राजग के विधायकों द्वारा पेश किए जाने वाले प्रस्ताव के बावजूद वह पद नहीं छोड़ेंगे।
बिहार में सत्ताधारी राजग में जदयू, भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) तथा एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 128 विधायक हैं, जो बहुमत से छह अधिक है।
रविवार को जदयू विधायक दल की बैठक में कुछ विधायकों की अनुपस्थिति और बोधगया में भाजपा की दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में कुछ विधायकों की अनुपस्थिति के बीच महागठबंधन को सत्तापक्ष पर निशाना साधने का मौका मिल गया। महागठबंधन दावा कर रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए राजग बहुमत के लिए आवश्यक 122 का आंकड़ा नहीं जुटा पाएगा।
जदयू और भाजपा दोनों ने दावा किया है कि सभी विधायक सदन के अंदर मौजूद रहेंगे।
जदयू ने विधायकों को एकजुट रखने के प्रयास के तहत उन्हें विधायक दल की बैठक के बाद शहर के एक होटल में ठहराया।
इसी तरह कई भाजपा विधायकों को कार्यशाला से लौटने पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के आवास पर रुकने के लिए कहा गया।
महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं जो बहुमत से आठ कम है। महागठबंधन ने अपने सभी विधायकों के एकजुट पर जोर देते हुए दावा किया है कि राजग खेमे में जदयू के कुछ लोग इस अचानक बदलाव से नाखुश हैं और वे बाजी पलट सकते हैं।
महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले), भारतीय कमयुनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से जुड़े कई विधायक गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव के आवास पर रुके हुए हैं।
इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने खरीद-फरोख्त के किसी भी प्रयास के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
रिकॉर्ड नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नीतीश कुमार जदयू के अंदुरूनी हालात पर भी करीब से नजर रख रहे हैं। उन्होंने विधायक दल की बैठक में भाग लिया और एक दिन पहले आयोजित दोपहर भोज में भी भाग लिया जिसे विश्वास मत से पहले एकजुटता बनाए रखने की कवायद के तौर पर देखा गया।