अमेरिकी लैंडर के वाणिज्यिक प्रक्षेपण के साथ चंद्रमा से जुड़े विज्ञान के नए सक्रिय चरण की शुरुआत
Focus News 25 February 2024बोल्डर (अमेरिका), साल 1972 के बाद पहली बार राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) का यान फरवरी 2024 में चांद पर उतरा। लेकिन एजेंसी ने यह काम अकेले नहीं किया बल्कि उसने वाणिज्यिक कंपनियों के साथ साझेदारी की।
नई प्रौद्योगिकियों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के चलते, इस यान से चंद्रमा पर लाई गई वैज्ञानिक परियोजनाएं और इसके जैसे भविष्य के मिशन वैज्ञानिक संभावनाओं के नए क्षेत्र खोलेंगे।
इस साल कई परियोजनाएं शुरू होने वाली हैं और वैज्ञानिकों के दल दक्षिणी ध्रुव और चंद्रमा के सुदूर हिस्से से रेडियो खगोल विज्ञान का अध्ययन करेंगे। इस दल में मैं भी शामिल हूं।
नासा का वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा कार्यक्रम (सीएलपीएस) 50 से अधिक वर्षों में चंद्रमा से नासा के पहले वैज्ञानिक प्रयोगों का अध्ययन करने के लिए मानवरहित लैंडर का उपयोग करेगा। नासा के लैंडर बनाने और कार्यक्रम संचालित करने के बजाय, वाणिज्यिक कंपनियां सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत ऐसा करेंगी।
नासा ने चंद्रमा पर जाने वाले लैंडर के लिए सेवा प्रदाता के रूप में काम करने के लिए लगभग एक दर्जन कंपनियों की पहचान की है।
नासा चांद पर इन विज्ञान पेलोड को ले जाने के लिए इन लैंडर पर स्थान खरीदता है जबकि कंपनियां लैंडर को डिजाइन करती हैं व उनका निर्माण करती हैं। साथ में प्रक्षेपण के लिए रॉकेट कंपनियों के साथ अनुबंध करती हैं। नासा अब एक ग्राहक बन गया है, अब वह इकलौता संचालक नहीं रहा।
पहले दो सीएलपीएस पेलोड 2024 के शुरुआती दो महीनों के दौरान प्रक्षेपित किए जाने हैं।
‘एस्ट्रोबोटिक्स’ पेलोड को पेरेग्रीन नामक लैंडर से पहले आठ जनवरी को प्रक्षेपित किया गया था लेकिन इसे ईंधन की समस्या का सामना करना पड़ा और इसे चांद की अपनी यात्रा को रोकना पड़ा।
इसके बाद, ‘इंट्यूटिव मशीन्स’ पेलोड है। ‘इंट्यूटिव मशीन्स’ लैंडर का नाम ओडीसियस है। यह 22 फरवरी 2024 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा।
मैं एक रेडियो खगोलशास्त्री और नासा के ‘आरओएलएसईएस’ (रेडियोवेव ऑब्जर्वेशन एट द लूनर सर्फेस ऑफ द फोटो इलेक्ट्रॉन सीथ) कार्यक्रम का सह-अन्वेषक हूं।
‘आरओएलएसईएस’ का निर्माण नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर ने किया था और इसका नेतृत्व नाचिमुथुक गोपालस्वामी करते हैं।
‘आरओएलएसईएस’ उपकरण फरवरी में इंट्यूटिवमशीन्स लैंडर पर मौजूद नासा के छह पेलोड में से एक के रूप में चंद्रमा पर उतरा।
इंट्यूटिव और दो वर्षों में चंद्रमा के दूरवर्ती भाग के लिए निर्धारित अन्य मिशन ‘लूएसईई-नाइट’ के बीच, हमारी टीमें 2026 तक चंद्रमा पर नासा के पहले दो रेडियो टेलीस्कोप भेजेंगी।
चांद खासकर चंद्रमा का सुदूर हिस्सा रेडियो खगोल विज्ञान और सूर्य और आकाशगंगा मंदाकिनी जैसी अलौकिक वस्तुओं से संकेतों का अध्ययन करने के लिए एक आदर्श स्थान है।
चंद्रमा को वैज्ञानिक ज्वारीय रूप से बंद कहते हैं। चांद का एक कोना हमेशा पृथ्वी की ओर होता है और दूसरा कोना हमेशा पृथ्वी से दूर होता है।
फरवरी 2024 में प्रक्षेपित किए गए हमारे पहले मिशन ‘आरओएलएसईएस’ से हम चंद्रमा पर उसके दक्षिणी ध्रुव के पास पर्यावरणीय स्थितियों के बारे में डेटा एकत्र करेंगे।
हमारी टीम सूर्य को देखने के लिए ‘आरओएलएसईएस’ का भी उपयोग करने जा रही है। सूर्य की सतह से ‘शॉक वेव’ निकलती हैं जो अत्यधिक ऊर्जावान कणों और कम आवृत्ति वाली रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करती हैं। हम इन उत्सर्जनों को मापने के लिए रेडियो टेलीस्कॉप का उपयोग करेंगे।