तेल अवीव, इजराइल ने गाजा में युद्ध की तुलना नरसंहार से करने के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति की निंदा करते हुए उन पर यहूदी विरोधी होने और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोपीय यहूदियों के नाजी नरसंहार को ‘तुच्छ’ बताने का आरोप लगाया।
पिछले साल राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के सत्ता में लौटने के बाद दोनों देशों के संबंधों में आई खटास के बाद हाल की बयानबाजी से तनाव और बढ़ गया है। लूला ने खुद को विकासशील देशों के एक समूह ‘ग्लोबल साउथ’ के नेता के रूप में पेश किया है।
‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है, जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है।
इथियोपिया में अफ्रीकी संघ शिखर सम्मेलन में संवाददाताओं से बात करते हुए लूला ने कहा, ‘गाजा पट्टी और फलस्तीनी लोगों के साथ जो हो रहा है, वह इतिहास में किसी और दौर में नहीं देखा गया। दरअसल, ऐसा तब हुआ जब हिटलर ने यहूदियों के कत्लेआम का फैसला किया।’
इस तरह की टिप्पणियां इजराइल को असहज करती हैं। इजराइल ऐसा देश है जो नरसंहार के बाद यहूदियों के लिए स्थापित हुआ था। इजराइल गाजा में युद्ध और नरसंहार में उसके आचरण की किसी भी तुलना को खारिज करता है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि लूला की टिप्पणियों ने ‘प्रलय को तुच्छ बना दिया’ और ‘लक्ष्मण रेखा लांघी’ है। उन्होंने लूला पर “घोर यहूदी विरोधी” होने का भी आरोप लगाया।
विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने ‘एक्स’ पर लिखा कि उन्होंने इजराइल में ब्राजील के राजदूत को बयान की निंदा के लिए तलब किया था। काट्ज ने लूला की टिप्पणियों को ‘शर्मनाक और गंभीर’ बताया।