नेपाल की शीर्ष अदालत ने भारत से बिजली समझौते पर सरकार को जारी किया कारण बताओ नोटिस

काठमांडू,नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने भारत के साथ हाल ही में किए गए दीर्घकालिक बिजली समझौते को लेकर सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शीर्ष अदालत ने पूछा है कि क्या समझौते के लिए बहुमत से संसद की मंजूरी की आवश्यकता है?

नेपाल ने अगले दस वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली के निर्यात के लिए विद्युत व्यापार समझौता (पीटीए) किया है। जनवरी में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की नेपाल यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

उच्चतम न्यायालय के प्रवक्ता वेद प्रसाद उप्रेती ने बताया कि शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश नकुल सुबेदी की एकल पीठ ने मंगलवार को नेपाल सरकार के पूर्व सचिव सूर्य नाथ उपाध्याय द्वारा दायर एक रिट याचिका के जवाब में सरकार को नोटिस जारी किया।

नेपाल-भारत के प्रख्यात व्यक्तिों के समूह के सदस्य उपाध्याय ने संसद के माध्यम से द्विपक्षीय समझौते की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

न्यायालय ने कारण बताओ नोटिस में सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या समझौता प्राकृतिक संसाधनों के वितरण और उनके उपयोग से संबंधित है और क्या इसके लिए बहुमत से संसद की मंजूरी की आवश्यकता है।

बिजली व्यापार पर द्विपक्षीय समझौते संबंधी सहमति नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की पिछले साल 31 मई से तीन जून तक की भारत यात्रा के दौरान बनी थी।