श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वह आगामी लोकसभा चुनाव और केंद्र शासित प्रदेश में संभावित विधानसभा चुनाव “अकेले” लड़ेगी।
पार्टी प्रमुख और लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने यहां यह घोषणा की। इसे विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के अलावा क्षेत्रीय गठजोड़ पीएजीडी के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, “चुनाव होंगे और मुझे लगता है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एकसाथ होंगे। जहां तक सीटों के बंटवारे की बात है तो मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नेशनल कांफ्रेंस अकेले चुनाव लड़ेगी। इसमें कोई दो राय नहीं है।”
नेशनल कांफ्रेंस पिछले साल गठित इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन का हिस्सा रही है और इसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (यूबीटी), तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम और वामपंथी दल शामिल हैं।
‘आप’ और तृणमूल कांग्रेस ने भी कहा है कि वे क्रमश: पंजाब और पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेंगी।
नेशनल कांफ्रेंस का निर्णय ‘पीपुल्स अलायंस ऑन गुपकर डिक्लेरेशन’ (पीएजीडी) गठबंधन के अंत का भी संकेत है, जो 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले बनाया गया था। इससे पहले, पीएजीडी ने संकेत दिया था कि वह संयुक्त रूप से चुनाव लड़ेगा।
अब्दुल्ला ने अगले सप्ताह होने वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा का स्वागत किया।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री आ रहे हैं, यह अच्छी बात है। वह कुछ परियोजनाओं की घोषणा करने वाले हैं।”
चुनावी बान्ड को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि राजनीतिक दलों के पास पैसा कहां से आ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘अल्लाह करे कि सरकार इसे (फैसले को) स्वीकार कर ले और राजनीतिक दल यह बताने के इस निर्देश का पालन करें कि उन्हें कितना पैसा मिला और कहां से मिला।” अब्दुल्ला ने कहा, “लोगों को पता होना चाहिए कि धन बल कहां से आ रहा है। यह जरूरी है। मुझे उम्मीद है कि यह आम चुनाव से पहले होगा।”
जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित घोटाले के संबंध में ईडी द्वारा तलब किए जाने को लेकर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ मैं उनके सामने पेश होऊंगा, मैं ईडी या किसी और से डरता नहीं हूं । वो जो चाहें करें, यदि वे सोचते हैं कि वे फारूक अब्दुल्ला को जेल में डाल कर नेशनल कांफ्रेंस को खत्म कर देंगे तो ऐसा नहीं होगा क्योंकि नेशनल कांफ्रेंस एक आंदोलन है।’’