नयी दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शनिवार को कहा कि जिस दिन अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई वह देश के आध्यात्मिक व सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का दिन है जिसे सहस्रों शताब्दियों तक याद रखा जाएगा।
‘श्रीराम के ऐतिहासिक मंदिर निर्माण और श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा’ विषय पर राज्यसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए नड्डा ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के लिए यह कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं था और उसके कभी इसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश नहीं की।
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यक्रम बना दिए जाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए हुआ कि वह पार्टी का अध्यक्ष होने के बावजूद उस समारोह का हिस्सा नहीं बन सके थे।
उन्होंने उन पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘राम नाम कड़वा लागे, मीठा लागे दाम। दुविधा में दोनों गए, ना माया मिली ना राम। जोर से बोलो ‘जय सियाराम’।’’
नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि एक समय था जब एक प्रधानमंत्री सोमनाथ के प्राण प्रतिष्ठा में जाना अपनी ग्लानि समझते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘एक आज का समय है… जब राम लला की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों द्वारा की गई। उन्होंने सारे यम नियमों का पालन कर, एक संन्यासी का जीवन धारण कर राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की।’’
नड्डा ने कहा कि भाजपा ने 1989 में पालमपुर अधिवेशन के अपने प्रस्ताव में इस बात को स्पष्ट किया था कि राम जन्मभूमि पर राम लला के विराट मंदिर निर्माण के रास्ते को वह प्रशस्त करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘कई लोगों ने इसमें रुकावटें भी डाली, लेकिन हम एक लंबी प्रक्रिया के बाद इस कार्य को पूरा किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘22 जनवरी, 2024 का दिन…आध्यात्मिक, सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का दिन है। इस दिन को सहस्रों शताब्दियों तक याद रखा जाएगा।’’