बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शुक्रवार को यहां कहा कि विकास और प्रगति के लिए अच्छे नेतृत्व का होना महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की एक बड़ी ताकत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए लोगों का आह्वान करते हुए, नड्डा ने उनसे देश के 140 करोड़ लोगों की समृद्धि के लिए मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का आग्रह किया।
भाजपा अध्यक्ष अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और अनुराग ठाकुर भी उपस्थित थे।
नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार देश के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और तीस साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए ऐहतियात, उपचार और पुनर्वास गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शासन के पिछले 10 वर्षों में की गई स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों का विवरण साझा करते हुए, उन्होंने कहा कि बिलासपुर में एम्स, ऊना में पीजीआई केंद्र और हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं वहीं, सिरमौर, चंबा और मंडी में भी मेडिकल कॉलेज खुलने की संभावना है।
इस मौके पर कैंसर से जूझ रहे मरीजों को रेडियोथेरेपी उपचार प्रदान करने के लिए एम्स में विकिरण ऑन्कोलॉजी (रेडिएशन ऑन्कोलॉजी) की सेवाएं शुरू की गई। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रियों ने अस्पताल में अन्य सुविधाओं का भी उद्घाटन किया।
एम्स का रेडियोथेरेपी विभाग अब करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मशीनरी से लैस होगा। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन संयत्र से अस्पताल को 24 घंटे ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी।
नड्डा ने 354 लोगों की क्षमता वाले रात्रि विश्राम गृह की भी आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि भविष्य में एक एम्स के संकाय सदस्यों को दूसरे एम्स में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा और देश भर में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर भर्तियां की जाएंगी।
नड्डा ने कहा कि देश के सभी एम्स में डॉक्टरों की भर्ती अब एक साथ की जाएगी और चयनित डॉक्टरों को उनके गृह राज्य के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया से चर्चा हुई। इसके अलावा अंतर-एम्स संकाय विनिमय कार्यक्रम भी जल्द शुरू किया जाएगा जिसके तहत एम्स के डॉक्टर ऐसे अन्य अस्पतालों में एक महीने के लिए भेजे जाएंगे।